डीएनए हिंदी: हार्दिक पटेल... गुजरात के इस युवा चेहरे से शायद ही भारत का कोई व्यक्ति परिचित न हो. पाटीदार आंदोलन के जरिए सुर्खियों में आए हार्दिक पटेल इस बार अपने जीवन का पहला चुनाव लड़ रहे हैं. वह वीरमगाम विधानसभा से सियासी रण में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. पाटीदार आंदोलन और फिर 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के सामने बड़ी चुनौती बनकर उभर हार्दिक पटेल अपना पहला चुनाव भगवा दल के टिकट पर ही लड़ रहे हैं. हालांकि उन्हें इस चुनाव में सफलता मिलेगी इसपर अभी संशय है.
दरअसल ऐसा हम यूं ही नहीं कह रहे हैं. हार्दिक पटेल को भाजपा ने जिस वीरमगाम सीट से चुनावी मैदान में उतारा है, उस सीट पर पिछले 10 सालों से कांग्रेस पार्टी का कब्जा है. वीरमगाम अहमदाबाद जिले की 21 विधानसभा सीटों में से एक है. वीरमगाम विधानसभा में 68 गांव और एक कस्बा आता है. यहां वोटर्स की संख्या करीब 3 लाख है.
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जाति के हिसाब से मतदाताओं की बात करें तो सबसे ज्यादा मतदाता ठाकोर समुदाय के हैं, इनकी संख्या करीब 65 हजार है. इसके बाद पटेल समुदाय की संख्या है. वीरमगाम में करीब 50 हजार पटेल वोटर हैं. इस विधानसभा में करीब 35 वोट दलित समुदाय के लोगों के भी हैं. वीरमगाम में भरवाड़ रबारी, मुस्लिम, कोली, कराडिया और राजपूत समुदाय की भी अच्छी तादाद है.
पिछले 10 सालों में क्या रहा परिणाम?
साल 2007 में वीरमगाम विधानसभा सीट पर भाजपा ने 3 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी. इसके बाद अगले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की तेजश्री पटेल ने भाजपा के उम्मीदवार को करीब 17 हजार वोटों से मात दी. साल 2017 में तेजश्री भाजपा में शामिल हो गईं लेकिन उन्हें इस चनाव में हार का मुंह देखना पड़ा. तेजश्री को कांग्रेस के लक्खाभाई भारवाड़ ने 7 हजार वोटों से हराया. अब हार्दिक पटेल के सामने इस सीट को दस साल बाद वापस भाजपा की झोली में डालने की बड़ी चुनौती है.
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हार्दिक को किससे मिल रही टक्कर?
वीरमगाम विधानसभा सीट पर कांग्रेस पार्टी ने अपने पुराने उम्मीदवार पर भरोसा जताया है. कांग्रेस के टिकट पर लक्खाभाई भारवाड़ फिर से चुनाव मैदान में हैं. इसके अलावा हार्दिक पटेल को वीरमगाम में आम आदमी पार्टी के अमरसिंग ठाकोर से भी चुनौती मिल रही है. इस सीट पर कुंवरजी ठाकोर भी चुनाव मैदान में हैं. पहले आम आदमी पार्टी ने उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया था लेकिन बाद में टिकट काट दिया. कुंवरजी ठाकोर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में हैं. वह पिछले चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में थे और उन्हें 10,800 वोट मिले थे. इसके अलावा इस सीट पर 17 उम्मीदवार मैदान में हैं.
वीरमगाम के ही रहने वाले हैं हार्दिक
29 साल के हार्दिक पटेल का गांव वीरमगाम विधानसभा में ही है. वह चंद्रनगर विधानसभा के रहने वाले हैं. उन्होंने विधानसभा के लोगों से वीरमगाम को जिला बनवाने का वादा किया है. हार्दिक पटेल के पक्ष मजूबत करती कमजोर कांग्रेस है. कांग्रेस भले ही पिछले दो चुनाव यहां पर जीती हो लेकिन इस बार वह पूरे राज्य में काफी कमजोर मानी जा रही है जिसका फायदा निश्चित ही हार्दिक पटेल को मिलेगा.
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