डीएनए हिंदी: गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Election 2022) को लेकर सियासत गर्म हो चुकी है. बीजेपी (BJP) के सामने सबसे बड़ी चुनौती 27 साल की सत्ता विरोधी लहर के बीच कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) को हराना है. इस बीच कांग्रेस ने पुरानी पेंशन योजना का मुद्दा उछला है. कांग्रेस ने राजस्थान में पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने का ऐलान किया था. अब पार्टी का कहना है कि यदि गुजरात में सरकार बनी तो राज्य में पुरानी पेंशन योजना बहाल कर दी जाएगी.
गुजरात में कांग्रेस पुरानी पेंशन योजना को मुद्दा बना रही है लेकिन अब इस मुद्दे पर ही कांग्रेस में टकराव की स्थिति आ गई है क्योंकि उसके अपने ही नेता ने घोषणापत्र में पुरानी पेंशन के मुद्दे पर सवाल खड़े कर दिए हैं. कांग्रेस की डेटा एनालिस्ट टीम के नेता प्रवीण चक्रवर्ती ने ट्वीट पूछा है कि आखिर यह पुरानी पेंशन योजना को बहाल करना कितना सही है. उन्होंने पुरानी पेंशन योजना की बहाली को अनैतिक बताया है.
Out of 6.5 crore (65 mn) people in Gujarat, about 3 lakh (300k) are in govt service.
— Praveen Chakravarty (@pravchak) November 15, 2022
The old pension scheme will cost roughly 15% of tax revenues.
Why should the top 0.5% of people get 15% of all taxpayers' money as post-retirement pension?@APanagariya is right to question
. pic.twitter.com/2J2QRc46sC
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दरअसल, नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया के लेख को लेकर टिप्पणी करते हुए प्रवीण चक्रवर्ती ने ट्वीट किया कि गुजरात में 6.5 करोड़ (65 मिलियन) लोगों में से लगभग 3 लाख लोग सरकारी सेवा में लगे हैं. पुरानी पेंशन योजना पर टैक्स रेवेन्यू का लगभग 15% खर्च होगा. शीर्ष 0.5% लोगों को रिटायरमेंट के बाद पेंशन के रूप में सभी करदाताओं के पैसे का 15% क्यों मिलना चाहिए? इस लिहाज से अरविन्द पनगड़िया (नीति आयोग के पूर्व चेयरमैन) का सवाल करना जायज है.
वहीं, इस प्रतिष्ठित अखबार द हिन्दू ने जब एक रिपोर्ट प्रकाशित करते हुए यह कहा है कि कांग्रेस पुरानी पेंशन योजना की बहाली के मुद्दे पर बंट गई है तो तमिलनाडु कांग्रेस ने इसे खारिज करते हुए प्रवीण चक्रवर्ती की विश्वसनीयता पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. तमिलनाडु कांग्रेस ने इस पूरी तरह से उनका व्यक्तिगत बयान बताया है. उन्होंने कहा है कि प्रवीण कोई वरिष्ठ नेता नहीं हैं. हालांकि कांग्रेस डेटा एनालिस्ट के पद को ही छोटा बता रही है जबकि आर्थिक मोर्चे पर देखें तो प्रवीण बेहद अहम पद पर हैं.
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आपको बता दें कि साल 2003 में एनडीए सरकार ने नई पेंशन योजना शुरू कर दी थी जिसके चलते उसकी काफी आलोचना भी की गई थी. कुछ महीनों पहले ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि राज्य में पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाएगा. इसी के तहत अब कांग्रेस गुजरात में पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की बात कर रही हैं. हालांकि पुरानी पेंशन की बहाली का आश्वासन आम आदमी पार्टी ने भी किया है.
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पुरानी पेंशन योजना पर कांग्रेस में आंतरिक कलह, गुजरात में किया है बहाली का ऐलान