डीएनए हिंदी: गुजरात (Gujarat) विधानसभा चुनावों (Assembly Election 2022) का ऐलान हो गया है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) और आम आदमी पार्टी (AAP) ने अपनी पूरी ताकत गुजरात में झोंक दी है लेकिन कांग्रेस इस पूरे खेल से गायब नजर हा रही है. जिस कांग्रेस ने 2017 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी को कड़ी टक्कर दी थी, वही कांग्रेस न तो सक्रिय रूप से चुनवा प्रचार कर रही है, न ही बड़ी जनसभाएं. ऐसा लग रहा है कि गुजरात पर कांग्रेस का ध्यान ही नहीं है. कांग्रेस का सारा फोकस राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर है.
क्या सच में ऐसी स्थिति है? ज्यादातर राजनीति पर नजर रखने वाले लोग इस बात से इनकार कर रहे हैं. कांग्रेस बेहद सधे कदमों में गुजरात साधने की कोशिश कर रही है.
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मिशन गुजरात के लिए क्या है कांग्रेस का प्लान?
कांग्रेस का सारा जोर ग्राउंड पर अपनी पकड़ मजबूत करने की है. पार्टी का शीर्ष नेतृत्व बड़ी चुनावी रैलियां आयोजित करने से बच रही है. नेता स्थानीय स्तर पर घर-घर जाकर लोगों से समर्थन देने की अपील कर रहे हैं.
प्रतीकात्मक अध्यक्ष तो नहीं है मल्लिकार्जुन खड़गे
साल 2019 के लोकसभा चुनावों में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस राज्य में ऐसे चुप हुई कि अब तक मुखर नहीं हो पा रही है. गुजरात कैंपेनिंग पर गए हुए राहुल गांधी को 3 साल से ज्यादा हो गए हैं. मल्लिकार्जुन खड़गे पैराशूट कैंडिडेट हैं कांग्रेस के लिए. न तो वह जनप्रिय नेता हैं, न ही भीड़ खींचने की उनमें काबिलियत है. कोई ऐसा चार्म उनमें नहीं है जिससे लोग उनकी ओर खिंचे चले आएं.
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गुजरात के गोल हैं कांग्रेस के दिग्गज नेता
गुजरात कांग्रेस के बड़े नेता चुनावी परिदृश्य से गायब हैं. ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस अपने आपको यहां दूसरे नंबर की भी पार्टी नहीं मान रही है. न राहुल गांधी आ रहे हैं, न ही प्रियंका गांधी. कांग्रेस अपने मौजूदा मुख्यमंत्रियों को भी प्रचार के लिए अब तक नहीं भेज रही है. वहीं बीजेपी ऐसे चुनावों में अपने सारे मुख्यमंत्रियों, केंद्रीय मंत्रियों और बड़े नेताओं को उतार देती है.
क्या गुजरात में नंबर 2 ही रहेगी कांग्रेस?
आम आदमी पार्टी का गुजरात में कोई जनाधार नहीं है फिर भी अरविंद केजरीवाल की टीम ऐसे काम कर रही है, जैसे यही मुख्य विपक्षी पार्टी है और सत्ता में आने जा रही है. कांग्रेस, केरल, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा, असम, उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में सत्ता से बाहर हो चुकी है. ऐसे में क्या गुजरात में भी दोयम दर्जे की पार्टी बनी रहेगी. इसे लेकर कांग्रेस के गुजरात चीफ रघु शर्मा अलग राय रखते हैं.
किस प्लान पर है कांग्रेस को भरोसा, क्या है पार्टी की रणनीति?
गुजरात कांग्रेस के प्रभारी रघु शर्मा ने कहा कि इस बारे में कोई शक नहीं होना चाहिए कि कांग्रेस पूरे मन से चुनाव नहीं लड़ रही है. कांग्रेस पूरे मन से चुनाव लड़ रही है. राज्यभर में जी-जान से कैंपेनिंग चल रही है. कांग्रेस ने 11 वचन पत्रों को जनता तक पहुंचाया है. सितंबर महीने में जब राहुल गांधी अहमदाबाद आए थे, तब कांग्रेस ने अपना वचन पत्र लॉन्च किया था.
कांग्रेस का वादा है कि अगर सत्ता में आए तो किसानों का कर्ज माफ कियाजाएघा. कोविड से प्रभावित परिवारों को वित्तीय मदद दी जाएगी. 10 लाख नए रोजगार दिए जाएंगे और 3,00 इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले जाएंगे.
कांग्रेस ने यह भी वादा किया है कि 500 में गैस सिलेंडर मिलेंगे, डेयरी किसानों को छूट मिलेगी और लड़कियों के लिए मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था की जाएगी.
क्यों बीजेपी के लिए है खतरा
कांग्रेस में नेता तो बड़े-बड़े हैं लेकिन कार्यकर्ता नहीं. गुजरात कांग्रेस स्थानीय स्तर पर कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहित कर रही है. लोगों से संपर्क किया जा रहा है और उन्हें कांग्रेस के वचन पत्र के बारे में जानकारी दी जा रही है. कांग्रेस के इस कदम से बीजेपी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. गुजरात की लड़ाई इतनी भी आसान नहीं रहने वाली है.
कब होने वाले हैं गुजरात में चुनाव?
गुजरात की कुल 182 विधानसभा सीटों के लिए दो चरणों में वोटिंग होगीं. पहले चरण में 89 सीटों पर और दूसरे चरण में 93 सीटों पर वोटिंग होगी. वोटों के नतीजे 8 दिसंबर को आएंगे.
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