डीएनए हिंदी: आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि कांग्रेस (Congress) गुजरात विधानसभा चुनावों में 5 से भी कम सीटों पर सिमट जाएगी. अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) का यह सियासी दावा हैरान करने वाला है. अगर ऐसा होता है तो जाहिर तौर पर वह मान रहे हैं कि या तो सत्ता में आने जा रहे हैं, या मुख्य विपक्षी पार्टी का दर्जा हासिल करने जा रहे हैं. उनका यह दावा, हैरान करने वाला है.
क्या है अरविंद केजरीवाल का दावा?
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को ऐलान किया कि गुजरात में कांग्रेस को पांच से कम सीटें मिलेंगी. एक मीडिया कार्यक्रम में भाग लेते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वह अगले महीने होने वाले चुनावों में जीत दर्ज कर रहे हैं. उन्होंने कांग्रेस की मौजूदगी ही खारिज कर दी. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कांग्रेस को कौन गंभीरता से लेता है.
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अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'गुजरात के लोगों को बदलाव की जरूरत है. अगल लोग बदलाव नहीं चाहते तो हमें यहां जगह नहीं मिलती. हम 30 फीसदी वोटर शेयर हासिल कर रहे हैं. हमने पंजाब में सरकार बनाई है. गुजरात में भी कुछ ऐसा ही है. गुजरात में कांग्रेस 5 से भी कम सीटें जीतेगी. हम दूसरे नंबर हैं.'
कांग्रेस को हल्के में ले रहे हैं केजरीवाल
कांग्रेस की सधी हुई रणनीति पर बीजेपी की भी नजर है. बीजेपी जानती है कि भले ही कांग्रेस का कोई बड़ा चेहरा इस राज्य में एक्टिव कैंपेनिंग पर न उतरा हो लेकिन सच्चाई यही है कि यहां का अल्पसंख्यक तबका कांग्रेस का साथ नहीं छोड़ सकता है. कांग्रेस इस राज्य में साइलेंट कैंपेनिंग कर रही है. अरविंद केजरीवाल इस राज्य में जड़ें जमाने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस यहां स्थापित है. राजनीति पर बारीकी से नजर रखने वाले जानकारों का कहना है कि AAP खुद 5 से कम सीटें पर सिमट सकती है.
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क्यों बेहद कमजोर है अरविंद केजरीवाल का यह दावा?
अरविंद केजरीवाल का यह दावा बेहद चौंकाने वाला है. कांग्रेस देश के कई राज्यों में जनाधार खो रही है लेकिन गुजरात में मुख्य विपक्षी पार्टी का दर्जा उसे हासिल है. अहमद पटेल के बैटल ग्राउंड रहे गुजरात में कांग्रेस कमजोर नहीं है. माइनॉरिटी और सेक्युलर तबका इस राज्य में कांग्रेस का हाथ छोड़ता नजर नहीं आ रहा है. AAP की एंट्री जरूर हुई है गुजरात में लेकिन जनता अभी इस पार्टी को गंभीरता से नहीं ले रही है.
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बेहद मजबूत है गुजरात में कांग्रेस की जमीन
गुजरात में कुल 182 विधानसभा सीटे हैं. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी को कड़ी टक्कर दी थी. कांग्रेस 80 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब हुई थी. बीजेपी 99 सीटों के साथ बहुमत में आई थी. 2017 के नतीजे साफ जाहिर कर रहे हैं कि इसे बीजेपी की बहुत बड़ी जीत नहीं कह सकते हैं.ऐसी स्थिति में तो खासतौर पर नहीं जब भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सबसे बड़े ब्रांड नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और अमित शाह (Amit Shah) का गुजरात गृह राज्य हो.
खुद AAP के सिमट सकते हैं गुजरात में पांव!
गुजरात ऐसा राज्य है, जहां AAP के राष्ट्रव्यापी अभियान को धक्का लग सकता है. गुजरात कांग्रेस की स्थिति ठीक नहीं है. जिन राज्यों में भारतीय जनता पार्टी का दबदबा है, वहां AAP का हाल बुरा है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का विधानसभा चुनाव अपवाद है. दिल्ली और पंजाब को छोड़कर हर जगह अरविंद केजरीवाल को झटका लगा है.
...आसान नहीं है गुजरात में नंबर 2 बनना!
उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और गोवा की हार अरविंद केजरीवाल भूले नहीं है. खाता तक खोलने में फेल केजरीवाल की स्थिति गुजरात में भी बहुत अच्छी नहीं है. उनके मुफ्त के दावे, मुफ्त योजनाओं का वादा, बिजली और पानी को लेकर किए गए क्रांतिकारी ऐलान पर जनता की नजर तो है लेकिन समर्थन नहीं. बीजेपी शासित प्रदेशों के वोटिंग पैटर्न तो यह साफ जाहिर कर रहे हैं. अरविंद केजरीवाल खुद को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने में जुट गए हैं लेकिन यहां उन्हें ही बड़ा झटका लग सकता है.
कमजोर चेहरे पर दांव खेल रही AAP
अरविंद केजरीवाल ने गुजरात विधानसभा चुनावों के लिए सीएम फेस इसुदान गढ़वी को चुना है. इसुदान गढ़वी पेशे से पत्रकार रहे हैं और अलग-अलग मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं. उनका राजनीतिक अनुभव न के बराबर है. न ही वह गुजरात के पॉपुलर फेस हैं. इसके उलट कांग्रेस एक मजबूत जनाधार वाली पार्टी है.
कांग्रेस के पास चेहरों की नहीं है कमी!
कांग्रेस की न सिर्फ गुजरात में राजनीतिक जमीन मजबूत है बल्कि उसके पास दिग्गज नेता भी हैं. गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष जगदीश ठाकोर सीएम फेस के प्रबल दावेदार हैं. वह ओबीसी वर्ग से आते हैं और इस वर्ग के लोगों पर उनकी मजबूत पकड़ है. गुजरात में कांग्रेस के पास शक्ति सिंह गोहिल और जिग्नेश मेवानी जैसे दिग्गज नेता हैं. इन नेताओं का मजबूत जनाधार है और आए दिन चर्चा में रहते हैं. ऐसी स्थिति में फिलहाल कांग्रेस की स्थिति AAP से बेहतर नजर आ रही है.
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गुजरात में कांग्रेस को 5 सीटों पर सिमटा रहे केजरीवाल, दावे में कितनी है सच्चाई, कितनी मजबूत है AAP?