डीएनए हिंदी. देश के चार राज्यों में चुनावी बिगुल बजने चुका है. मतदाता भी वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने से लेकर गलतियों को ठीक कराने में जुट गए हैं. इसमें आने वाली समस्याओं को कम करने के लिए भारतीय निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने देश के 4 राज्यों में ERO NET सॉफ्टवेयर 2.0 वर्जन के साथ लॉन्च कर दिया है. इससे मतदाता सूची में होने वाली गलतियों की गुजाइश न के बराबर होगी. यदि गलतियां होगी भी तो उन्हें मिनटों में सही किया जा सकता है.निर्वाचन आयोग जल्द ही इस सॉफ्टवेयर को देश के सभी राज्यों में लॉन्च करेगा.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया कि चुनाव के दौरान मतदाता सूची में गलत छपे अपने नाम, पते या दूसरी जानकारियों को लेकर वोटर्स को, जो चक्कर काटने पड़ते थे. वे अब नहीं काटने होंगे. उन्होंने कहा कि अब आम लोग घर बैठे ही मतदाता सूची में अपना नाम जोड़ने से लेकर उसमें सुधार करने तक का काम कर सकते हैं. यह प्रक्रिया अब काफी आसान हो जाएगी. इसकी एक वजह 4 साल बाद ERO NET सॉफ्टवेयर का एडवांस 2.0 वर्जन लॉन्च किया जाना है.
गोवा में किया लॉन्च, अब बिहार, असम और उत्तराखंड की बारी
चुनाव आयोग ने सबसे पहले इस सॉफ्टवेयर की लॉन्चिंग देश के सबसे छोटे राज्य गोवा में की है. गोवा में इसे 9 नवंबर को लॉन्च किया गया. इसके बाद अब बिहार, उत्तराखंड और असम को इसकी लॉन्चिंग के लिए चुना गया है. निर्वाचन आयोग के पदाधिकारी एचआर श्रीनिवास ने दिल्ली से पहले गोवा और बिहार में ऐप लॉन्च करने की वजह वहां की भौगोलिक स्थिति को बताया है. उन्होंने कहा कि गोवा सबसे छोटा राज्य है. वहीं बिहार में करीब 7 करोड़ मतदाता हैं. जल्द ही देश के अन्य राज्यों में भी निर्वाचन आयोग सॉफ्टवेयर की लॉन्चिंग करेगा.
अब बदलाव के दौरान हैंग नहीं होगा वेबपेज
अक्सर सरकारी वेबसाइटों पर कोई भी बदलाव या जानकारी दर्ज करते समय वे या तो हैंग हो जाती हैं या फिर डाउन हो जाते हैं. अब निर्वाचन आयोग के इस सॉफ्टवेयर के साथ ऐसा नहीं होगा. ERO NET 2.0 के बाद चुनाव आयोग की वेबसाइट पर हैंग होने की समस्या खत्म हो गई है. आप मिनटों में अपना मतदाता संबंधी डाटा इस पर दर्ज करने के साथ ही उसमें बदलाव कर सकते हैं.
सॉफ्टवेयर में किया गया ये बड़ा बदलाव
बता दें कि भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा 4 साल पूर्व 2018 में मतदाता सूची में डाटा दर्ज करने से लेकर उसमें बदलाव के लिए सॉफ्टवेयर की शुरुआत की गई थी. इसी के जरिये आयोग तक मतदाताओं का डाटा पहुंचता था. इसमें मतदाता से संबंधित नाम से लेकर अन्य कोई भी एक गलती होने पर उनके पूरे डाटा को दोबारा से दर्ज करना होता था. इस बीच इंटरनेट धीमा होने या साइट हैंग होने पर यह डाटा दर्ज नहीं हो पाता था. यही वजह थी मतदाता सूची में गलती होने पर सुधार कराना बहुत मुश्किल हो जाता था. अब आप का यह काम आसान हो गया है. अब मतदाता सूची में जो भी गलती है. आप उसी को मिनटों में ठीक कर निकल सकते हैं.
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चुनाव आयोग ने वोटर्स के लिए लॉन्च किया ये खास सॉफ्टवेयर, मतदाता सूची में कर पाएंगे बदलाव