डीएनए हिंदीः दिल्ली की तीनों एमसीडी (MCD Elections) के एक होने के बाद पहली बार हुए चुनाव में प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला ईवीएम में कैद हो चुका है. 7 दिसंबर को पता चल जाएगा कि अगले 5 साल तक एमसीडी पर कौन राज करेगा. 250 वार्डों पर इस बार सिर्फ 50.47 फीसदी मतदान हुआ. अगर इसकी तुलना 2017 के चुनाव से करें तो यह करीब 3 फीसदी कम है. 2017 में 53.55 फीसदी मतदान हुआ था.
पॉश इलाकों में कम मतदान के क्या मायने
दिल्ली के कई पॉश इलाकों से इस बार कम वोटिंग की खबरें सामने आई हैं. इन इलाकों को बीजेपी का परंपरागत वोटबैंक माना जाता है. हालांकि विधानसभा चुनाव के परिणामों की बात करें तो इन इलाकों में रहने वाले लोगों ने आप के पक्ष में वोट किया था. ऐसे में अगर नुकसान बीजेपी को है तो आम आदमी पार्टी को भी नुकसान होना लाजिमी है. कम वोटिंग से किसे फायदा हो रहा है यह पूरी तरह इस बात पर निर्भर है कि कौन सी पार्टी अपने पक्ष में वोटरों को मतदान केंद्र तक लाने में सफल रही है.
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बीजेपी या आप? किसे फायदा
एमसीडी पर बीजेपी का पिछले 15 साल से शासन है. पिछले काफी समय से दिल्ली में गंदगी और कूड़े के निस्तारण को मामला काफी सुर्खियों में रहा है. आम आदमी पार्टी ने भी इसे लेकर सीधा पीएम मोदी पर निशाना साथ दिया. दिल्ली के लोग भी इस समस्या से काफी परेशान हैं. हालांकि नाराजगी के बाद भी ऐसे वोटर्स क्या आम आदमी पार्टी को वोट करेंगे इसे लेकर भी संदेह की स्थिति हैं. दिल्ली में पिछले 8 साल से सत्ता में बैठी आम आदमी पार्टी शराब घोटाले को लेकर घिरी हुई नजर आ रही है. आस तौर पर महिलाओं में इसे लेकर काफी विरोध था. ऐसे में बीजेपी के वोटरों को वह खींचने में कितनी सफल रही यह नतीजे आने पर ही पता चलेगा.
वोटिंग लिस्ट पर भी उठे सवाल
चुनाव के दौरान वोटर लिस्ट को लेकर भी काफी सवाल उठे. परिसीमन के बाद कई लोगों के नाम वोटर लिस्ट से गायब दिखे. दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी का नाम भी वोटर लिस्ट से गायब था जिसके कारण वह वोट नहीं दे पाए. आप ने भी लोगों के नाम वोटर लिस्ट से गायब होने की शिकायत की है. उधर बीजेपी का भी कहना है कि उसके कई कार्यकर्ताओं के नाम वोटर लिस्ट से गायब थे. अब इसका फायदा किस दल को मिलेगा यह नतीजे सामने आने के बाद ही पता लगेगा.
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कम वोटिंग की ये भी रही वजह
एमसीडी चुनाव में कम वोटिंग की वजह कुछ लोग शादियों के सीजन को भी बता रहे हैं. कुछ लोग शादियों के कारण शहर से बाहर थे तो कुछ इसकी तैयारी में व्यस्त होने के कारण मतदान से दूर रहे. वहीं टिकट बंटवारे को लेकर भी कई दलों में विरोध दिखाई दिया. आम आदमी पार्टी के कई नेताओं के वीडियो में सामने आए जिसमें उन्होंने टिकट बंटवारे का खुलकर विरोध किया.
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दिल्ली में MCD चुनाव की कम वोटिंग से किसे नुकसान? AAP या BJP किसे होगा फायदा