डीएनए हिंदी: देश की राजधानी दिल्ली में इस समय MCD चुनावों पर पार्टियां आमने सामने हैं. दावे और वादे तो सभी पार्टियां कर रही हैं लेकिन चुनाव का सबसे बड़ा केंद्र बिंदु है कूड़े के 3 पहाड़ गाजीपुर, भलस्वा और ओखला लैंडफिल साइट. विपक्षी पार्टियां एक दशक से काबिज भाजपा को कोस रही हैं और दावा कर रही हैं कि अगर वो सत्ता में आईं तो दिल्ली की जनता को कूड़े के पहाड़ से मुक्ति देंगी. MCD की सत्ता में काबिज भाजपा कूड़े के पहाड़ों पर सफाई दे रही है कि उसने इन शर्म के पहाड़ों की लंबाई कम की है और अगले कुछ सालों में इन्हें पूरी तरह खत्म कर देगी.
आपने भी कई बार दिल्ली के इन शर्म के पहाड़ों की तस्वीरें देखी होंगी. कभी इन्हें धधकते देखा होगा तो कभी प्रदूषण फैलाते लेकिन आज इन पहाड़ों पर जो हम Exclusive खुलासा करेंगे वो ना आपने पहले कभी देखा होगा और ना ही सुना होगा. दिल्ली के इन तीनों शर्म के पहाड़ो ने आसमान को ही नहीं पाताल को भी जहरीला बना दिया है. Ground Water में इस कदर जहर भर दिया गया है कि उसे पीना तो दूर उससे नहाने और घर के रोजमर्रा के काम करने से त्वचा रोग से लेकर कैंसर तक होने का खतरा है.
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ऐसा हम यूं ही नहीं कह रहे. इसके पुख्ता सबूत हैं कि इन कूड़े के पहाड़ों ने Ground water को जहर बनाया है और आलम यह है कि अगर कल को ये कूड़े के पहाड़ खत्म भी हो जाते हैं तब भी Ground Water से जहर खत्म होने में सालों लगेंगे. आप तक यह EXCLUSIVE खबर पहुंचाने के लिए हमारी टीम दिल्ली के तीनों कूड़े के पहाड़ों के पास गई. वहां नजदीक में स्थित रिहायशी इलाकों में घरों में आने वाले GROUND WATER के सैंपल इकट्ठा किये. गाजीपुर और भलस्वा में Ground Water के सैंपल हमारी टीम ने जमीन कई फीट नीचे से summersable के द्वारा आ रहे पानी से इकट्ठा किये और ओखला लैंडफिल साइट के नजदीक Ground water का सैंपल हमारी टीम ने बोरवेल से इकट्ठा किया. वहां लोगों से बातचीत की और उनकी परेशानियां सुनी और उसके बाद Ground Water के सैम्पलों को लैब में NABL द्वारा मान्यता प्राप्त एक लैब में टेस्ट भी करवाया.
जांच के बाद जो नतीजे आये वो ना सिर्फ हैरान करने वाले थे बल्कि इन लैंडफिल साइट्स की वजह से GROUND WATER के जहरीले होने के पुख्ता सबूत देने वाले थे. शुरुआत करते हैं ओखला लैंडफिल साइट के बगल के Ground Water के नतीजों से. यह लैंडफिल साइट वैसे तो सबसे कम सुर्खियों में रहती है लेकिन जहर यहां के पानी मे जहर कूट कूट कर भरा हुआ है. पानी का TDS है 3152 मतलब कि सामान्य से 6 गुना ज्यादा. पानी की HARDNESS का स्तर है 1313 जो कि सामान्य से साढ़े 4 गुना ज्यादा और PH 6.70 यानी पानी Acidic है. अगर कोई इससे नहाता है पीता है तो वो पानी की जगह Acidic पानी से नहा रहा और उसे ही पी रहा.
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अब भलस्वा लैंडफिल साइट का हाल देख लीजिए. इसे धधकते तो आपने कई बार देखा होगा लेकिन जहर कितना है यह हम बताते हैं. पानी का TDS 2570 है. मतलब कि सामान्य से 5 गुना ज्यादा और हार्डनेस की बात करें तो वह 747 है यानी सामान्य से 2 गुना ज्यादा. Ground Water में इतना जहर है कि इंसान अगर इसे पीएगा या फिर नहाएगा तो बहुत बीमार हो सकता है. अब बात चिर परिचित गाजीपुर की लैंडफिल साइट की. यहां TDS है 578 यानी सामान्य से बेहद ज्यादा और हार्डनेस 343 है वो भी सामान्य से ज्यादा.
BIS के मानकों की बात करें तो पीने लायक पानी का TDS 500 से ज्यादा नहीं होना चाहिए. वहीं पानी का इस्तेमाल अगर नहाने या फिर दूसरे रोजाना कार्यों के लिए किया जा रहा है तो उसकी Hardness 300 से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. विशेषज्ञों की मानें तो अगर Hardness 300 से ज्यादा हुई तो skin rashes, eczema , skin irritation जैसी त्वचा की बीमारियां होना आम है.
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इसी वर्ष ब्रिटिश जर्नल ऑफ डर्मेटोलॉजी में छपी एक रिसर्च में वैज्ञानिकों ने पाया था कि पानी मे अगर CaCo3 का स्तर 200 से ज्यादा है तो उसका इस्तेमाल नाहने जैसे कामों के लिए करने पर व्यक्ति को त्वचा रोग Eczema होने का खतरा बढ़ जाता है. 3 लाख से ज्यादा लोगों पर रिसर्च के दौरान वैज्ञानिक इस निष्कर्ष पर पहुंचे थे कि पानी मे जितना ज्यादा CaCo3 का स्तर बढ़ता है उतना ज्यादा Eczema का खतरा.
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हवा नहीं पानी को भी जहर बना चुके हैं ये कूड़े के पहाड़, दिल्ली में इन इलाकों में हालात खराब