रवींद्र सिंह रॉबिन

वोटों की गिनती होनी अभी बाकी है, जनता के अंतिम आदेश का ऐलान होना बाकी है लेकिन एग्जिट पोल (Exit Polls) के नतीजों ने आम आदमी पार्टी की उम्मीदें बढ़ा दी हैं. हालांकि 10 मार्च को वोटों की गिनती पूरी होने के बाद फाइनल रिजल्ट के बाद ही इन एग्जिट पोल की प्रामाणिकता साबित होगी. आप (AAP) को 117 सीटों की विधानसभा में 70-90 सीटों के मार्जन के साथ क्लीन स्वीप करते हुए बताया जा रहा है. लोगों के उत्साह और उम्मीदों को हवा दी जा रही है जिन्होंने दिल्ली सीएम केजरीवाल के गुड गवर्नेंस के दावे से काफी उम्मीदें लगाई हुई हैं.

2017 में कांग्रेस को 77, शिरोमणि अकाली दल को 15 सीटों के मुकाबले आप को सिर्फ 20 सीटें मिली थीं. हालांकि पिछले 5 सालों में उनके 10 विधायक पार्टी छोड़कर जा चुके हैं. 2017 में बीजेपी ने सिर्फ 3 सीटें जीती थीं. इस बार अगर आप सत्ता में आती है तो ये दोनों ही पार्टियों के लिए बड़ा बदलाव होगा. आप ने अभी तक दिल्ली जैसे अर्बन आबादी और संस्कृति वाले राज्य में सत्ता संभाली है, दूसरी तरफ पंजाब में ग्रामीण मतदाताओं की संख्या ज्यादा है. आप बिल्कुल एक नए मैदान में खेल रही होगी, जहां उसके सामने नई चुनौतियां होंगी, जिनमें से अधिकतर चुनौतियों पर पंजाब की पुरानी पार्टियों ने भी कभी ध्यान नहीं दिया. 

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पार्टी के घोषणापत्र में सत्ता में आने पर पंजाब के मतदाताओं को कई तरह के मुफ्त उपहार और छूट देने का वादा किया गया है. ग्रामीण इलाके वाले पंजाब में इन मुद्दों को हल करने के लिए पार्टी को जमीनी स्तर पर काम करने होंगे. आप ने पंजाब के लिए दिल्ली मॉडल बनाने की बात की है, जिसमें स्वास्थ्य और शिक्षा की बेहतरीन सुविधाएं शामिल हैं. पंजाब में ये करना पार्टी के लिए बड़ी चुनौती होगी. पंजाब के लोगों के लिए  “दिल्ली मॉडल” को अपना इतना आसान नहीं होगा क्योंकि अभी तक लोगों के पास ऐसा कोई अनुभव नहीं है.  

पंजाब की बात करें तो यहां अभी तक शिक्षा की स्थिति बहुत खराब रही है खासतौर से ग्रामीण इलाकों में स्थित ज्यादा खराब देखने को मिलती है. स्वास्थ्य सुविधाएं की बात करें तो यह और भी बदतर नजर आती हैं. गांवों की पहुंच अस्पतालों तक नहीं है. इसके साथ ही अस्पतालों में स्टाफ, मेडिकल सप्लाई और अन्य सुविधाओं की स्थिति बहुत ही खराब है. 

दिल्ली से बिल्कुल अलग पंजाब कृषि आधारित प्रदेश है. मुख्य रूप से पंजाब के लगभग 50 हजार स्क्वायर किलोमीटर में फैले गांवों में खेती होती है. पंजाब के कम से कम 62 फीसदी मतदाता इन इलाकों में रहते हैं. इन इलाकों का ध्यान रखने के लिए आप को बहुत मेहनत करनी होगी क्योंकि इन इलाकों में किसान हावी हैं, यहां के खेती से जुड़े मुद्दे काफी मुश्किल हैं, जिन्हें अब तक कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल जैसी पंजाब की पुरानी और लोकप्रिय पार्टियों ने भी नहीं छुआ है. दिल्ली में आप के प्रदर्शन और पंजाब में नेतृत्व परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए पंजाब का किसान नई पार्टी की तरफ अपनी समस्याओं के प्रभावी समाधान के लिए देख रहा है.

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अगर नतीजे वही रहते हैं जो एग्जिट पोल दिखा रहे हैं तो जनता ने आप को क्यों चुना इसका विश्लेषण करना बहुत जरूरी हो जाएगा. एंटी-इनकंबेंसी इसमें सबसे पहला कारण होगा. शिक्षा, स्वास्थ्य, बढ़िया इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे हैं जो पंजाब के अधिकतर लोगों के लिए कल्पना ही है क्योंकि मौजूदा और पुरानी सरकारों ने इन मुद्दों की सुध नहीं ली है. मजबूत तीसरे विकल्प की कमी भी एक कारण होगा. पंजाब की दोनों बड़ी पार्टियां काफी समय तक सत्ता में रहीं लेकिन कुछ भी जनता को कुछ भी नया नहीं दे पाईं. अगर आप जीत दर्ज करती है तो इसका मतलब होगा कि जनता ने आखिरकार विकल्प ढूंढ लिया है. आम आदमी पार्टी की जीत का एक कारण पंजाब की अंतर्कलह भी एक कारण जरूर हो सकता है.

इन सब से ऊपर प्रचार में सोशल मीडिया का इस्तेमाल और पार्टी के नेतृत्व का प्रचार के लिए पंजाब आना भी एक कारण होगा. हालांकि इस समय कुछ भी नहीं कहा जा सकता है. एग्जिट पोल हमेशा सही साबित नहीं होते. 10 मार्च को ही पता चलेगा कि असली विजेता कौन रहा.

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(लेखक रवींद्र सिंह रॉबिन वरिष्ठ पत्रकार हैं. यह जी मीडिया से जुड़े हैं. राजनीतिक विषयों पर यह विचार रखते हैं.)  

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Testing time for dreams, aspirations and challenges of the Aam Aadmi
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‘आम आदमी’ के सपने, इच्छाओं और चुनौतियों के लिए परीक्षा का समय
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Punjab Election Results 2022: Bhagwant Mann wins from Dhuri assembly seat
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CM Arvind Kejriwal and Bhagwant Mann

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Punjab Vidhansabha Results: ‘आम आदमी’ क्लीन स्वीप करे तो क्या होंगी उनकी चुनौतियां?