डीएनए हिंदी: 'उनकी जमानत जब्त हो गई', 'वो तो जमानत भी नहीं बचा पाया' ऐसे वाक्य अक्सर चुनाव के दौरान सुनने में आते हैं. क्या आपको पता है कि क्या होती है ये जमानत और जमानत जब्त होने का मतलब क्या होता है.
क्या होती है जमानत
चुनाव में खड़े होने वाले सभी प्रत्याशियों को जमानत के रूप में चुनाव आयोग के पास एक निश्चित रकम जमा करानी होती है.
क्या होती है जमानत जब्त
जब प्रत्याशी निश्चित प्रतिशत में मत हासिल नहीं कर पाता, तो उसकी जमानत जब्त हो जाती है. यह राशि आयोग की हो जाती है. इसमें निश्चित प्रतिशत मत का मतलब होता है निर्वाचन क्षेत्र में डाले गए कुल मतों की संख्या के छठे भाग से अधिक मत प्राप्त करने में असफल होना. मान लीजिए किसी सीट पर एक लाख वोटिंग हुई तो वहां से प्रत्येक प्रत्याशी को 16 हजार 666 वोटों से अधिक वोट मिलने चाहिए.
कितनी होती है जमानत राशि
जमानत राशि विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में अलग-अलग होती है. लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 34(1)(ख) के अनुसार विधानसभा का निर्वाचन लड़ने वाले सामान्य उम्मीदवार को 10,000 रुपये की प्रतिभूति राशि जमा करानी होती है, जबकि एससी-एसटी उम्मीदवारों को 5000 रुपये की राशि जमा करानी होती है. वहीं लोकसभा चुनावों में सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के लिए जमानत राशि 25 हजार रुपये और एससी, एसटी के लिए 12, 500 रुपये होती है.
- Log in to post comments
Election Results 2022: आज होगी कई उम्मीदवारों की जमानत जब्त, जानिए इसका मतलब