डीएनए हिंदी: मैनपुरी विधानसभा सीट पर तीसरे चरण में 20 फरवरी को मतदान होना है. मयन ऋषि की तपस्थली कही जाने वाली मैनपुरी समाजवादी समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का गृह जिला भी है. मुलायम सिंह यादव मैनपुरी से सांसद भी हैं. इस सीट को सपा का गढ़ माना जाता है. अब देखना होगा कि 20 फरवरी के मतदान में जनता का झुकाव किस ओर होता है. इससे पहले जानते हैं इस सीट का गणित-
मैनपुरी के मतदाता
मैनपुरी में सवा तीन लाख से अधिक मतदाता हैं. यह सबसे ज्यादा 21 फीसदी मतदाता यादव हैं. वहीं मुस्किल मतदाता सिर्फ 6 फीसदी हैं.
मौजूदा विधायक
मैनपुरी विधानसभा सीट से विधायक राजकुमार यादव सन् 2012 में पहली बार चुनाव लड़े थे और जीते थे. 2017 में भी वह विधायक बने. उन्हें मुलायम सिंह यादव के भाई राम गोपाल यादव का बेहद करीबी माना जाता है.
2017 के आंकड़े
2017 के विधानसभा चुनाव में यहां समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज की थी. समाजवादी पार्टी से राजकुमार उर्फ राजू यादव ने भारतीय जनता पार्टी के अशोक कुमार को 8831 वोटों के अंतर से हराया था.
क्या रहा है इतिहास
सन् 1952 में हुए चुनावों में इस सीट पर सबसे पहले कांग्रेस ने अपना कब्जा जमाया था. कांग्रेस के वीरेंद्र पाटिल इस सीट से जीते थे. इसके बाद यहां भारतीय जन संघ , जनता पार्टी और कम्यूनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार भी जीते. सन् 1985 में हुए चुनावों में यहां आखिरी बार कांग्रेस ने सीट जीती.
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इसके बाद से अब तक बीजेपी और सपा के बीच मुकाबला टक्कर का होता रहा है. 1991 में जहां बीजेपी के नरेंद्र सिंह विधायक बने वहीं 1996 में जनता ने सपा को चुना. फिर 2002 और 2007 में बीजेपी के अशोक सिंह चौहान को वोट मिले तो 2012 और 2017 में लोगों ने सपा पर ही मुहर लगाई. अब देखना होगा कि बारी बीजेपी की है या सपा अपनी दावेदारी मजबूत बनाए रखेगी.
मैनपुरी- इस बार कौन है मैदान में
बीजेपी-जयवीर सिंह
सपा-राजकुमार यादव
बसपा-गौरव नंद
कांग्रेस-विनीता शाक्य
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