डीएनए हिंदी: टीवी धारावाहिक चंद्रकांता अगर आपने देखा हो तो उसका गाना भी आपको याद होगा-नौगढ़-विजयगढ़ में थी तकरार...विजयगढ़ का था जो राजकुमार चंद्रकांता से करता था प्यार. चंद्रकांता की कहानी याद करते हुए अब चलते हैं नौगढ़ में, जिसका नाम बदलकर बाद में कपिलवस्तु रख दिया गया. अब बात करते हैं कपिलवस्तु विधानसभा सीट की. उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में आने वाली इस सीट की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि जितनी दिलचस्प है उतना ही रोचक है राजनीतिक गणित. यहां मतदान 3 मार्च को होगा.
क्या रहे 2017 के नतीजे
साल 2017 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी के श्याम धनी ने समाजवादी पार्टी के विजय कुमार को 38, 154 वोटों से हराया था. इस दौरान तीसरे नंबर पर रहे थे बहुजन समाज पार्टी के चंद्रभूषण.
कैसा रहा है इतिहास
1952 में इस विधानसभा क्षेत्र (Kapilvastu Assembly Seat) के पहले विधायक सुलेमान थे. उन्होंने इस सीट पर दो बार जीत दर्ज की. 1962 में कांग्रेस के मथुरा प्रसाद पांडे ने यहां पर जीत दर्ज की. 1967 के चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता मथुरा पांडे को हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद सन् 1969 में उनके बेटे अभिमन्यु पांडे ने धनराज यादव को हराकर विधानसभा में जगह बनाई थी.
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इसके बाद सन् 1977, 1980 और 2007 तक यहां कांग्रेस उम्मीदवार ही जीत दर्ज करते रहे. वहीं सन् 1962, 1967, 1974, 1985, 1991, 1993, 1996, 2017 में बीजेपी उम्मीदवार जीते. 2002 और 2012 के विधानसभा चुनावों में यहां सपा ने अपनी जगह बनाई.
इस बार कौन है मैदान में
इस बार यहां कांग्रेस से देवेंद्र सिंह गुड्डु उम्मीदवार हैं. वहीं भाजपा के श्याम धनी का मुकाबला सपा के विजय पासवान से होना है. विजय पासवान 2007 में भी इस सीट से विधायक रह चुके हैं.
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