कृष्णकांत त्रिपाठी  

2016 में जब यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन का रिजल्ट आया तो एक नाम खूब चर्चा में रहा वो नाम था "टीना डाबी"..

बाईस साल की एक खूबसूरत लड़की परीक्षा में टॉप आई थी. कौन है टीना डाबी, कैसे बनी टॉपर, कितनी देर करती थी पढ़ाई और ऐसे तमाम सवाल सबके मन में उठ रहे थे, हालांकि तमाम लोगों ने ओबीसी थी इसलिए टॉपर बनी और तमाम आरोप भी लगाए.

कहा जाता है कि सफलता.. चर्चा और विवाद को भी साथ लेकर चलती है. टीना डाबी ने शायद इस मूलमंत्र को ज्यादा हीं आत्मसात कर लिया था. हालांकि ये विवाद में तो नहीं रहीं लेकिन चर्चा में सदैव बनी रहीं. यूपीएससी टॉपर होने से भी ज्यादा चर्चा बटोरा इनके प्रेम संबंध ने..

सबकुछ जल्दी घट जाना भी दु:ख है

कहते हैं कि प्रेम अंधा होता है, प्रेम जाति धर्म मजहब से बहुत दूर होता है, प्रेम में प्रेम के सिवा अन्य किसी चीज का कोई स्थान नहीं होता है. शायद ऐसा ही कुछ प्रेम था टीना डाबी का भी...  प्रशासनिक प्रशिक्षण के दौरान अपने ही बैच के तृतीय रैंक होल्डर अतहर आमिर खान से दिल लगा बैठी और समाज के तमाम तानों के बावजूद दांपत्य जीवन में बंध गई.

सफल से सफल मनुष्य भी अपने प्रत्येक फैसले को सफ़ल बनाने में सक्षम नहीं होता है. टीना डाबी के साथ भी यही हुआ, और प्रेम का परवान जितनी तेजी से चढ़ा उतनी हीं तेजी से उसमें खटास भी आ गई. आखिरकार वे एक दूसरे से अलग हो गए.

सबकुछ बहुत जल्दी हो जाना भी बड़ा दुखद होता है. टीना डाबी ने भी पांच साल में ही सफलता, सुख दुःख सबको बड़ी करीब से देख लिया था. इन सबके बीच भारतीय समाज में तलाकशुदा महिला का ठप्पा एक और बहुत बड़ा दुःख था. बड़े से बड़े ओहदे भी निजी जीवन में खुशियां नहीं ला सकते हैं. फिर ऐसे में व्यक्ति अवसादग्रस्त हो जाता है और कभी कभी आत्महत्या जैसे कदम भी उठा लेता है. ऐसे तमाम उदाहरण हम पहले देख चुके हैं. लेकिन टीना डाबी अपने निजी जीवन पर कभी खुलकर बात नहीं की वो खामोश रहीं और अपने अंदर के दर्द से खुद हीं लड़ती रहीं.

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टीना डाबी का नया रिश्ता

इसी बीच कल देर रात उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर की जिसका कैप्शन था "तुम्हारे दिए खुशियों को मैं पहन रही हूं" और वो तस्वीर थी उनके नए मंगेतर 2013 बैच के आईएएस प्रदीप गवांडे की..

"ना उम्र की सीमा हो ना जन्म का हो बंधन" ये पंक्तियां प्रत्येक प्रेम करने वाला व्यक्ति अक्सर ही गुनगुनाता रहता है लेकिन जब इसी बात को चरितार्थ करने की बारी आती है तो लोग फब्तियां कसने लगते हैं. टीना डाबी ने अपने से उम्र में बड़े अपने सीनियर अधिकारी से सगाई की और उनके बीच उम्र का अंतर लगभग बारह वर्ष है. बस उम्र के इसी अंतर को आधार बनाकर लोग उनके पोस्ट पर भद्दे कमेंट करने लगे और अंत में टीना डाबी ने अपना वह पोस्ट हटा लिया.

मगर इन सबके बीच सोचने वाली बात यह है कि एक स्त्री जो देश का सर्वश्रेष्ठ परीक्षा टॉप करती है, जो समाज द्वारा बनाए गए तथाकथित सफलता के पैमाने को हासिल कर चुकी है, क्या उसे भी अपने खुशियों के लिए समाज की मंजूरी की आवश्यकता है? क्या उसे भी अपने फैसले से पहले समाज की मंजूरी आवश्यक है? आखिर इस समाज ने ऐसा क्या हासिल कर लिया है कि इसके प्रामाणिकता के बिना किसी का निजी फैसला भी सही नहीं हो सकता है?

टीना डाबी का फैसला निजी है, निजी फैसलों में सही गलत का परिणाम व्यक्ति स्वयं भुगतता है, किसी को कोई अधिकार नहीं कि किसी के निजी फैसलों में हस्तक्षेप करे, उम्र का अंतर प्रेम की गुढ़ता को निर्धारित नहीं करता है. संभव है कि कुछ लोगों को इस बात से आपत्ति होगी कि इतने उम्र के अंतर के व्यक्ति से शादी करने से समाज की अन्य लड़कियां जो उन्हें फॉलो करती हैं वे प्रेरित होंगी और विषमता व्याप्त होगा. यदि यह आपकी चिंता है तो इसका भी मात्र यही समाधान है कि प्रत्येक व्यक्ति अपने सुख दुःख का भागी स्वयं होता है इसलिए निजी फैसलों के लिए व्यक्ति को स्वतंत्र छोड़ देना चाहिए बशर्ते वह बालिग हो चुके हों ताकि उन्हें सही वक्त पर फैसलों के सही गलत मायने समझ में आने लगें.

 

(यह पोस्ट कृष्णकांत त्रिपाठी   की फेसबुक वॉल से ली गई है. कृष्णकांत त्रिपाठी  लिखते हैं और घूमते हैं. )

(यहां दिये गये विचार लेखक के नितांत निजी विचार हैं. यह आवश्यक नहीं कि डीएनए हिन्दी इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे और आपत्ति के लिए केवल लेखक ज़िम्मेदार है.)

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please leave Tina Dabi as it is her own decision a note by krishna kant tripathi
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“Tina Dabi का फैसला निजी है, उन्हें उनके निजी फ़ैसलों के साथ छोड़ दीजिए...”
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ias tina dabi tie knot for second time with pradeep gawande
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