बेटी को स्कूल से लेकर लौट रही हूं, रास्ते में उसे मिल्कशेक पीना था तो हमलोग पास के आउट्लेट में रुक गए. अब अकेली मेरी बिटिया को ही मिल्कशेक पीना नहीं था, पूरा का पूरा कुनबा एक समय में एक ही चीज़ पीना चाहता है तो बहुत लम्बी लाइन लगी थी स्कूली बच्चों की.

मैंने पेमेंट कर दिया है और साइड में खड़ी होकर मोबाइल से हो सकने वाले ज़रूरी काम कर करने लग गई. इसी बीच एक बातचीत की ओर मेरा ध्यान गया.  मेरे पीछे खड़े होकर दो लोग बातें कर रहे थे. उसमें एक ने कहा, “बचपना है जल्द ख़त्म हो जाएगा. औक़ात समझ में आ जाएगी” 
दूसरी आवाज़ ने जवाब दिया,  “खून में गर्मी बढ़ने की उम्र है भाई, ठंडा करना हमको आता है.”

rohini kumari

हर उम्र के बच्चे को लगता है वह बड़ा हो चुका है

बातचीत ऐसी थी कि ना चाहते हुए भी मेरा चंचल मन उनलोगों के चेहरे देखने को उतावला हो गया.मुड़कर देखा था तो दो अर्ध-किशोर बालक आपस में बातें कर रहे थे. उनकी बातें ही थी यह. मैं उनकी बातों में रस लेने लगी तो मालूम हुआ कि दोनों बच्चे अगले सेशन में नवीं में जाएंगे.

लब्बोलुआब यह कि जेनेरेशन गैप की अवधि अब दस साल भी नहीं बल्कि महज़ दो-तीन साल रह गयी है. नौवीं के बच्चों को लगने लगा है कि वे बड़े हो चुके हैं और अपने से छोटे वालों की गर्मी उतार सकते हैं...

(रोहिणी जामिया मिलिया इस्लामिया में कोरियन भाषा की प्राध्यापक हैं सह सक्रिय अनुवादक भी हैं.)

(यहां प्रकाशित विचार लेखक के नितांत निजी विचार हैं. यह आवश्यक नहीं कि डीएनए हिन्दी इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे और आपत्ति के लिए केवल लेखक ज़िम्मेदार है.)

Motherhood : बच्चा तभी जब मां पूरी तरह खुशनुमा और मानसिक रूप से तैयार हो

 

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is generation gap coming in much lesser period writes Rohini Kumari
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क्या अब दो तीन साल में ही पीढ़ियां बदलने लगी हैं?
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Hindi
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