Who Is JD Vance: अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी ने अपने सभी पत्ते खोल दिए हैं. रिपब्लिकन पार्टी ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति पद के लिए ऑफिशियली अपना उम्मीदवार चुन लिया है, जिसके बाद ट्रंप ने उपराष्ट्रपति पद के लिए अपना रनिंग मेट भी घोषित कर दिया है. ट्रंप ने रनिंग मेट के तौर पर पार्टी के अंदर अपने घोर विरोधी जेडी वेंस को चुनकर सभी को चौंका दिया है, जो अमेरिकी संसद में ओहायो से सीनेटर हैं. हालांकि भारतवंशी विवेक रामास्वामी के बजाय जेडी वेंस को रनिंग मेट चुनने से भारतीय मूल के वोटर्स के ट्रंप से नाराज होने की बात कही जा रही है, लेकिन ऐसा नहीं होने जा रहा है. दरअसल वेंस का भी भारत से खास 'नाता' है.
पत्रकार के तौर पर इराक युद्ध में शामिल हुए थे वेंस
ओहियो के मिडिलटाउन में 2 अगस्त, 1984 में जन्मे जेडी वेंस का बचपन वहीं बीता है. हाईस्कूल पूरा करते ही उन्हें मिलिट्री सर्विस के तौर पर इराक युद्ध में शामिल होने का मौका मिला था, जहां वेंस ने यूएस मरीन्स (अमेरिकी सेना के कमांडोज) के साथ कॉम्बेट जर्नलिस्ट (युद्ध पत्रकार) और पब्लिक रिलेशंस ऑफिसर के तौर पर सेवा दी थी. ओडियो स्टेट यूनिवर्सिटी से राजनीति विज्ञान और मनोविज्ञान में अंडरग्रेजुएट डिग्री पूरी करने वाले वेंस ने येल लॉ स्कूल से कानून की डिग्री हासिल की थी. वहां वे येल लॉ जर्नल के संपादक रहे थे. 2013 में येल से पढ़ाई खत्म करने के बाद वेंस ने कुछ समय के लिए वकील के तौर पर काम किया. इसके बाद वे वेंचर कैपिटलिस्ट के तौर पर टेक इंडस्ट्री में काम करने के लिए सैन फ्रांसिस्को चले गए थे. सैन फ्रांसिस्को में वेंस ने पेपाल के को-फाउंडर पीटर थिएल के मिथरिल कैपिटल में काम किया था.
2016 में बेस्ट सेलिंग बुक से मिली चर्चा
वेंस को साल 2016 में अपनी बेस्ट सेलिंग बुक हिलीबिल्ली एल्गे किताब के लिए पूरे देश में चर्चा मिली थी. इसी साल ट्रंप पहली बार अमेरिका के राष्ट्रपति बने थे. उनकी किताब पर साल 2020 में एक फीचर फिल्म भी रिलीज हुई थी. इस किताब ने वेंस को ग्रामीण अमेरिका में जमकर पॉपुलर बनाया.
ट्रंप के कट्टर आलोचक के तौर पर आए सामने
वेंस अपनी किताब की रिलीज के बाद डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के कट्टर आलोचक के तौर पर सामने आए. हालांकि इस विरोध के बावजूद वेंस ने 2020 और 2022 में ट्रंप को ही वोट किया था. डोनाल्ड ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म पर कहा, 'लंबे विचार-विमर्श के बाद और कई अन्य प्रतिभाशाली लोगों को ध्यान में रखते हुए मैंने फैसला किया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका के उपराष्ट्रपति का पद संभालने के लिए सबसे उपयुक्त व्यक्ति ओहायो के राज्य के सीनेटर जेडी वेंस हैं.' ट्रंप के इस फैसले के बाद यह माना जा रहा है कि वेंस ने भी उनके पॉपुलिस्ट एजेंडे को अपना लिया है और उनके साथी बन गए हैं.
भारत के 'दामाद' हैं जेडी वेंस
जेडी वेंस को भारत का 'दामाद' कहा जाता है. दरअसल वेंस की पत्नी उषा चिलुकुरी वेंस (Usha Chilukuri Vance) भारतीय मूल की हैं. उनके माता-पिता भारतीय प्रवासी थे और अमेरिका में रहने के बावजूद उषा की जिंदगी पर भारतीय संस्कारों की गहरी छाप रही है. इसका अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि 2014 में वेंस के साथ उन्होंने कोर्ट में शादी करने के साथ ही हिंदू रीति-रिवाज से भी सात फेरे लिए थे. सैन डिएगो (कैलिफोर्निया) में पली-बढ़ी उषा ने येल यूनिवर्सिटी से इतिहास में ग्रेजुएशन किया है. इसके बाद उन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से मास्टर ऑफ फिलॉस्फी की डिग्री ली है. पेशे से वकील उषा की मुलाकात वेंस से वकालत की पढ़ाई के दौरान ही हुई थी, जो बाद में प्यार में बदल गई और दोनों ने शादी कर ली. दोनों के तीन बच्चे हैं.
अमेरिका को मिल सकते हैं लगातार दो 'भारतीय' उपराष्ट्रपति
यदि डोनाल्ड ट्रंप चुनाव जीत जाते हैं तो जेडी वेंस उपराष्ट्रपति बन जाएंगे. ऐसा हुआ तो अमेरिका को लगातार दूसरे टर्म में 'भारतीय' उपराष्ट्रपति मिलेगा. राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ मौजूदा उपराष्ट्रपति कमला हैरिस भी भारतीय मूल की हैं. उनके माता-पिता चेन्नई के रहने वाले थे, जो अमेरिका आकर बस गए थे.
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कौन हैं जेडी वेंस, जिन्हें डोनाल्ड ट्रंप ने चुना है अपना उपराष्ट्रपति पद का साथी, भारत से क्या है खास नाता