डीएनए हिंदी: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राजनीति को संतुलित रखने के लिए दुनियाभर में कई तरह के गुट बनाए हैं. कुछ गुट क्षेत्र के हिसाब से बने हैं, कुछ व्यापार के आधार पर, कुछ मुद्दों के आधार पर तो कुछ आर्थिक हितों के हिसाब से. समय-समय पर इन समूहों के सम्मेलन होते हैं और गुट में शामिल देश आगे की रणनीति तय करते हैं. ऐसा ही एक गुट है G-20. वर्तमान में जी-20 की मीटिंग इंडोनेशिया (G-20 Summit Indonesia) में हो रही है. अलग-अलग देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में दुनियाभ के तमाम मुद्दों पर चर्चा हो रही है. रूस और यूक्रेन का युद्ध इस चर्चा का भी मुख्य केंद्र है. इसके अलावा खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, गरीबी और कोरोना वायरस के मुद्दों पर काफी असहमति देखी जा रही है.
जी-20 का गठन साल 1999 में हुआ. मुख्य रूप से इसका उद्देश्य दुनिया के आर्थिक विकास की चिंता करना और कारोबार के क्षेत्र में काम करना है. दरअसल, 1997-1999 के बीच आए वैश्विक आर्थिक संकट के बाद इस तरह के संगठन की ज़रूरत महसूस की गई और बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों ने इस संगठन की नींव डाली. साथ ही, मिड रेंज वाली अर्थव्यवस्था वाले देशों को भी इसमें शामिल किया गया है.
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जी-20 की बैठकों में ज्यादातर अलग-अलग देशों के वित्त मंत्री और सदस्य देशों के सेंट्रल बैंकों के गवर्नर हिस्सा लेते हैं. साल 2008 में नवंबर महीने में पहली बार जी-20 सम्मेलन का आयोजन हुआ. इसी सम्मेलन में सदस्य देशों के बीच सहमति बनी की अमेरिका में आए आर्थिक संकट के जवाब में सभी देश मिलकर काम करेंगे और हर साल जी-20 देशों का एक शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा. हर साल के शिखर सम्मेलन के लिए जी-20 देशों के वित्त मंत्री, सेंट्रल बैंकों के गर्वनर और देशों के शेरपा साल भर में कई बार बैठकें करते हैं.
Inadequate infrastructure investment, along with growing inequalities and climate and environmental change have exacerbated the economies’ vulnerabilities to shocks such as the Covid-19 pandemic. There is an urgent need to provide policy alternatives to address these challenges. pic.twitter.com/WN6qvRb7Qt
— G20 Indonesia (@g20org) July 7, 2022
क्या है G-20 का मकसद?
जी-20 की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, यह एक रणनीतिक प्लैटफॉर्म है जो दुनियाभर के बड़े और विकसित देशों के साथ-साथ तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था को एकसाथ लाता है. भविष्य में दुनिया की अर्थव्यवस्था को तेजी से बढ़ाने और विकास की राह आसान बनाने के लिए जी-20 ग्रुप बेहद खास और रणनीतिक भूमिका अदा करता है.
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आंकड़ों में क्या है G-20 का महत्व?
जी-20 में शामिल ज्यादातर देश बड़ी आर्थिक ताकतें हैं. जनसंख्या के हिसाब से देखें तो दुनिया की 60 प्रतिशत आबादी सिर्फ़ इन्हीं 20 देशों में रहती है. इसके अलावा, जी-20 देशों की जीडीपी दुनिया की कुल जीडीपी में 80 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखती है. व्यापार के लिहाज से देखें तो दुनियाभर में होने वाले निर्यात का 75 प्रतिशत हिस्सा जी-20 देशों से होता है.
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कौन-कौन देश हैं G-20 के सदस्य?
वर्तमान में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, रिपब्लिक ऑफ कोरिया, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका और यूरोपियन यूनियन जी-20 के सदस्य हैं. इसके अलावा स्पेन इस गुट का स्थायी मेहमान सदस्य है. हर साल होने वाले जी-20 सम्मेलन के लिए एक देश को अध्यक्ष चुना जाता है और वही देश बाकी सदस्यों को आमंत्रित करता है. इस साल जी-20 सम्मेलन की अध्यक्षता इंडोनेशिया कर रहा है.
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G 20 Summit: क्या है G-20 ग्रुप, दुनिया की राजनीति और अर्थव्यवस्था के लिए क्यों खास है यह गुट?