डीएनए हिंदी: दुनिया का तापमान बेहद तेजी से बढ़ रहा है. अब गर्मी वैश्विक आपदा की तरह पड़ने लगी है. भारत जैसे देश में लोग हीट स्ट्रोक की वजह से लोगों की जान गई है. दुनिया के कई देश ग्लोबल वार्मिंग से जूझ रहे हैं. ऐसे में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने जो कहा है, उसे जानकर लोगों की चिंता और बढ़ जाएगी.
लगातार बढ़ रही भीषण गर्मी की वजह से दुनिया अस्त व्यस्त हो रही है. ग्रीस में लगी भीषण आग के बाद पर्यटकों के पलायन की खबरों से बीच एंटोनियो गुटेरेस ने कहा है कि अब दुनिया ग्लोबल वार्मिंग से नहीं बल्कि ग्लोबल बॉयलिंग से जूझ रही है.
हवा जहरीली, गर्मी असहनीय, बॉयलिंग का दौर शुरू
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने जलवायु परिवर्तन पर कहा, 'ग्लोबल वार्मिंग का युग समाप्त हो गया है और अब उबलने का दौर शुरू हो गया है. हवा जहरीली है, गर्मी असहनीय है. जीवाश्म ईंधन का मुनाफा उच्चतम स्तर पर है, क्लाइमेट चेंज पर हो रहा एक्शन, असहनीय है.'
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टूटेंगे गर्मी के कई रिकॉर्ड
एंटोनियो गुटेरेस ने पूरे उत्तरी गोलार्ध में पड़ रही भीषण गर्मी को क्रूर गर्मी बताया और इस बात पर जोर दिया कि यह पूरे ग्रह के लिए एक आपदा है. उन्होंने भविष्यवाणी की कि जुलाई 2023 संभवतः तापमान के कई रिकॉर्ड तोड़ देगा. यह जलवायु संकट की स्थिति की ओर स्पष्ट संकेत है.
जलवायु परिवर्तन का दौर डरावना
एंटोनियो गुटेरेस ने कहा, 'दुनिया में जलवायु परिवर्तन आ गया है. यह डरावना है. अभी तो यह महज शुरुआत है. बार-बार दी गई चेतावनियों और भविष्यवाणियों के बावजूद ऐसी स्थिति है. बस अब यह देखना लाजमी है कि जलवायु परिवर्तन कितनी तेजी से होगा.'
सांस लेने लायक नहीं है हवा
एंटोनियो गुटेरेस ने कहा, 'हवा सांस लेने लायक नहीं है. गर्मी असहनीय है. जीवाश्म ईंधन से मुनाफा कमाना और जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए कुछ भी नहीं करना, अस्वीकार्य है. नेता अब आगे आएं. यह बहाने का दौर नहीं है. लोगों को एक्शन करना होगा, उसके लिए समय खत्म हो गया है.'
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विकसित देश कम करें कार्बन उत्सर्जन
एंटोनियो गुटेरेस ने कहा है कि विकसित देश कम से कम कार्बन उत्सर्जन करें. उभरती अर्थव्यवस्थाएं 2050 तक जीरो कार्बन उत्सर्जन पर काम करें. एंटोनियो गुटेरेस की ये बात भारत के लिए भी किसी चेतावनी से कम नहीं है. भारत में इस साल, हीट स्ट्रोक की वजह से 100 से ज्यादा लोगों की जान गई है.
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