डीएनए हिंदी: कोरोना के बाद से ही पूरी दुनिया आर्थिक सुस्ती (Economic Slowdown) से जूझ रही है. अमीर से अमीर देशों की इकोनॉमी भी खस्ताहाल है. दूसरी तरफ, यूनाइटेड किंगडम (यूके) के सांसद अपने खाने पर मोटी सब्सिडी (Food Subsidy) ले रहे हैं. हैरानी की बात यह है कि ब्रिटेन में ही कई स्कूलों में उन बच्चों को खाना देने से इनकार कर दिया जा रहा है जिनके पास पैसे नहीं हैं. यूके में महंगाई को लेकर 'Enough is Enough' कैंपेन हो रहा है. दूसरी तरफ, कभी ब्रिटेन की कॉलोनी रहा भारत में स्कूली बच्चों के लिए चलाई जाने वाली मिड डे मील योजना (Mid day Meal) से हर दिन लगभग 10 करोड़ बच्चों को खाना दिया जा रहा है और भारत ने अपने सांसदों को कैंटीन में दी जाने वाली सब्सिडी भी बंद कर दी है.
मिरर यूके की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 6 सालों में ब्रिटेन के सांसदों का 12.3 लाख किलो खाना फेंक दिया गया. इसी समय में ब्रिटेन के सांसदों की सैलरी में 11 प्रतिशत का इजाफा भी किया गया. वहीं, ब्रिटेन के ही लगभग 20 लाख से ज्यादा वयस्कों का मानना है कि कई दिन ऐसे रहे हैं जब उन्हें एक टाइम का खाना भी नसीब नहीं हो पाया.
यह भी पढ़ें- लिस्बन में गर्भवती भारतीय महिला की मौत, पुर्तगाल की हेल्थ मिनिस्टर ने दिया इस्तीफा
बच्चों को खाना देने से रोक रहे यूके के स्कूल
यूके के एक स्कूल की कैंटीन में काम करने वाली एक महिला का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है जिसमें वह कह रही है कि उसे कहा गया है कि वह उन बच्चों को खाना न दे जिनके पास पैसे नहीं हैं. महिला ने रोते हुए कहा है कि उसने इसलिए नौकरी नहीं की है कि बच्चों को भूखा जाने दे क्योंकि वे पैसे नहीं दे सकते हैं. यह महिला मैनचेस्टर में 'Enough is Enough' कैंपेने की रैली में शामिल हुई थी और अपनी और बच्चों की तकलीफ बताते हुए कैमरे के सामने ही रो पड़ी.
यह भी पढ़ें- अमेरिका में PM नरेंद्र मोदी के खिलाफ केस दर्ज, जारी हुआ समन, जानिए क्या है वजह
"I didn't take the job on to starve children."
— PoliticsJOE (@PoliticsJOE_UK) August 30, 2022
This dinner lady is dreading going back to work in October and fears many of the school's pupils will not be able to afford lunch. @eiecampaign pic.twitter.com/UF5zbBxk7x
मैनचेस्टर में बीते कुछ दिनों से बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, खाने की कमी और गरीबी को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं. इन प्रदर्शनों से जुड़े कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं. दूसरी तरफ, यूके के सांसदों को उनकी कैंटीन और खाने-पीने की दूसरी चीजों पर भारी भरकम सब्सिडी दी जा रही है. प्रदर्शनकारी सोशल मीडिया पर वह लिस्ट भी शेयर कर रहे हैं जिसमें सांसदों को मिलने वाली खाने-पीने की चीजों का रेट दिया गया है.
यह भी पढे़ं- दिल दहला रही चीन की क्रूरता, उइगर मुसलमानों को दी जा रही यातनाएं, UN ने जारी की रिपोर्ट
भारत ने बंद कर दी है सांसदों के खाने की सब्सिडी
वहीं, इस मामले में भारत की बात करें तो भारत ने साल 2021 में ही अपनी संसद में चलने वाली कैंटीन की सब्सिडी बंद कर दी है. यानी सांसदों को जो खाना बेहद कम दाम में दिया जा रहा था वह सुविधा पूरी तरह से खत्म कर दी गई है. अब सांसदों को भी खाने का पूरा पैसा चुकाना पड़ता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की संसद ने इस सब्सिडी को बंद करके सालाना 8 करोड़ से ज्यादा रुपये बचाए हैं.
latest menu from the House of Commons MPs dining room pic.twitter.com/R9Gf2v9Bsw
— The Lady J of Tay (@brawday) August 28, 2022
बच्चों के पोषण की बात करें तो भारत सरकार प्राइमरी स्कूलों में मिड डे मील योजना चलाती है. यानी सरकारी स्कूलों के बच्चों को दोपहर का खाना स्कूल में ही दिया जाता है. साल 2016-17 के डेटा के मुताबिक, लगभग 11.40 लाख स्कूलों के 9.78 करोड़ बच्चों को हर दिन खाना खिलाया जाता है. इस खाने में बच्चों के पोषण के लिए ज़रूरी तत्वों का भी ध्यान रखा जाता है और उसकी मात्रा भी पर्याप्त रखी जाती है. यूके जैसे देशों को इससे सीखने की ज़रूरत इसलिए है क्योंकि इस योजना के लिए बच्चों या उनके परिवार से कोई पैसा नहीं लिया जाता है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
Britain में सब्सिडी उड़ा रहे सांसद, बच्चों को नहीं मिल रहा खाना, भारत की मिड डे मील योजना गाड़ रही झंडे