डीएनए हिंदी: Titanic News- करीब 110 साल पहले अटलांटिक महासागर में डूबे विशालकाय टाइटैनिक का मलबा देखने गए 5 अरबपतियों की लापता टाइटन पनडुब्बी तीन दिन बाद भी नहीं मिली है. ओशनगेट कंपनी की टाइटन पनडुब्बी में भारतीय समय के हिसाब से गुरुवार शाम 5.30 बजे तक की ही ऑक्सीजन थी. ऐसे में अब उनके जिंदा बचने के आसार बेहद कम रह गए हैं. अब भी टाइटन की खोज जारी है. अमेरिकी कोस्ट गार्ड के मुताबिक एक रीमोट ऑपरेटेड व्हीकल आरओवी को टाइटैनिक के पास सर्च एरिया में एक जगह पर कुछ मलबा मिला है. विशेषज्ञ यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि यह मलबा किसका है.
टाइटन पनडुब्बी की तलाश (Titanic Submarine Resue Operation) में बुधवार को ऐसे कई अन्य उपकरण उतारे गए, जो गहरे समुद्र में 3D स्कैन आदि की मदद से सर्च करने में सक्षम हैं. पनडुब्बी में फंसे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर अरबपति हैमिश हार्डिंग (Hamish Harding) के साथ भारतीय संवेदनाएं भी जुड़ गई हैं. उनका भारत के चीता प्रोजेक्ट से खास कनेक्शन सामने आया है.
आइए 5 पॉइंट्स में जानते हैं इस बचाव अभियान में क्या ताजा जानकारी सामने आई है.
1. महज 96 घंटे की ऑक्सीजन थी पनडुब्बी के अंदर
Reuters की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय समय के हिसाब से रविवार शाम 5.30 बजे अटलांटिक महासागर में कनाडा के न्यूफाउंडलैंड तट के करीब सेंट जोन्स से पनडुब्बी पानी में उतारी गई थी. पनडुब्बी को टाइटैनिक के मलबे तक जाकर 2 घंटे में वापस लौटकर आना था. पनडुब्बी से 1 घंटा 45 मिनट बाद कनेक्शन टूट गया था. यूएस कोस्ट गार्ड की तरफ से दी गई जानकारी के हिसाब से पनडुब्बी में 70 घंटे से करीब 96 घंटे तक की ऑक्सीजन रहती है. इस लिहाज से पनडुब्बी की ऑक्सीजन भारतीय समय के हिसाब से गुरुवार शाम को खत्म हो चुकी है.
2. छह हजार मीटर गहराई तक तलाशने वाला उपकरण उतारा
रेस्क्यू का काम संभाल रही ब्रिटिश कंपनी मैगेलन ने बुधवार को Argus Worker XL नाम का एक नया रिमोट ऑपरेटिड व्हीकल (ROV) उतारा है, जो करीब 200 घंटे से ज्यादा समय समुद्र के अंदर बिता सकता है. यह उपकरण 6,000 मीटर की गहराई तक जाकर 3D स्कैनिंग कर सकता है. बता दें कि जहां पनडुब्बी की तलाश की जा रही है, उस इलाके में समुद्र की गहराई 3 से 4 हजार मीटर तक है. टाइटैनिक जहाज का मलबा ही 3,800 मीटर की गहराई पर है.
3. बैटरी खत्म होने की भी है संभावना
22 फुट लंबी पनडुब्बी की बिजली सप्लाई इतने लंबे समय तक चली है या नहीं, इसे लेकर भी संशय की स्थिति है. BBC ने पनडुब्बी को लेकर दी अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि पनडुब्बी के पानी में रहने के दौरान बिजली की सप्लाई ठप हो सकती है. इससे कार्बन डाइऑक्साइड बाहर निकलना बंद हो गई होगी. ऐसे में ऑक्सीजन 96 घंटे भी नहीं चली होगी और जल्दी खत्म हो गई होगी.
4. पनडुब्बी में मौजूद ब्रिटिश अरबपति हैमिश ने दिलाए थे भारत को चीते
भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी चीता प्रोजेक्ट को सफल बनाने में सहयोग देने वाले ब्रिटिश अरबपति हैमिश हार्डिंग भी पनडुब्बी में मौजूद हैं. तीन गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड हासिल कर चुके हैमिश अंतरिक्ष यात्रा भी कर चुके हैं. उन्होंने ही भारत में आए चीतों की दूसरी खेप देने के लिए नामीबिया सरकार से भारत की डील कराई थी.
5. बचाव अभियान में जुटे हैं ये जहाज
- Deep Energy कामर्शियल जहाज में दो ROV हैं, जो केबल की मदद से जहाज से जुड़े रहते हैं. ये 3,000 मीटर गहराई तक डाइव कर सकते हैं.
- Atlantic Merlin कनाडा का तटों से दूर सप्लाई पहुंचाने वाला जहाज है, जिसके ROV के गहराई तक डाइव करने की क्षमता अज्ञात है.
- Skandi Vinland एक सपोर्ट जहाज है, जिसमें दो ROV हैं, लेकिन उनका यह ब्योरा नहीं है कि वे कितनी गहराई तक तलाश कर सकते हैं.
- L'Atalante फ्रांसीसी सरकार का जहाज है, जो टाइटैनिक जहाज के मलबे की गहराई तक डाइव लगाने की क्षमता वाले ROV से लैस है.
- Horizon Arctic एक कॉमर्शियल जहाज है, जिसमें बचाव अभियान से जुड़े सभी सपोर्ट उपकरण मौजूद हैं.
- Glace Bay कनाडा की नेवी का जहाज है, जिसमें डिकंप्रेशन चैंबर है और यह मेडिकल सहायता भी दे सकता है.
- John Cabot एक वैज्ञानिक रिसर्च जहाज है, जिसमें सोनार सर्च क्षमता भी मौजूद है. इसे कनाडाई कोस्ट गार्ड संचालित कर रही है.
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