Taliban Army Parade: सोशल मीडिया पर अफगानिस्तान का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें तालिबानी लड़ाके बगराम एयरबेस (Bagram Airbase) पर टैंकों और बख्तरबंद गाड़ियों पर सवार होकर परेड निकालते दिख रहे हैं. इस जश्न में तालिबान के पास मौजूद सभी हथियारों की नुमाइश की जा रही है. इस वीडियो को देखते समय एक बात आपको हैरान कर सकती है. दरअसल इस वीडियो में तालिबान के हथियारों की नुमाइश में भारतीय हेलीकॉप्टर भी मौजूद दिखाई दे रहा है, जबकि अफगानिस्तान में तालिबान के दोबारा सत्ता में आने के बाद से भारत सरकार ने उनसे कोई नाता नहीं रखा है. इसके बावजूद भारतीय हेलीकॉप्टर उनके पास कैसे पहुंचा? यदि ये सवाल आपके मन में दौड़ रहा है तो चलिए हम जवाब देते हैं.
पहले जान लीजिए तालिबान क्यों मना रहा है ऐसा जश्न
दरअसल तालिबान ने तीन साल पहले अफगानिस्तान में दोबारा अपनी सत्ता कायम की थी. अमेरिका के अफगानिस्तान छोड़कर जाने के बाद बरगाम एयरबेस को तालिबान ने अपने कब्जे में ले लिया था, जिसे अफगानिस्तान में अमेरिका का पावर सेंटर माना जाता था. इस घटना के तीन साल पूरे होने के कारण तालिबान ने इसी एयरबेस पर अपना शक्ति प्रदर्शन करने के लिए आर्मी परेड के जरिये जश्न मनाया है.
Bagram Airfield: Indian helicopters gifted to Afghanistan republic govt were part of Taliban parade to celebrate 3 years of Afghanistan takeover yesterday. pic.twitter.com/cMJQKsUXpo
— Sidhant Sibal (@sidhant) August 15, 2024
अब जान लीजिए भारतीय हेलीकॉप्टर के परेड में दिखने का कारण
दरअसल परेड में तालिबान ने अपने उन सभी हथियारों और वाहनों का प्रदर्शन किया है, जो अमेरिका अफगानिस्तान में छोड़ गया था. साथ ही वे हथियार भी दिखाए गए हैं, जिन्हें तत्कालीन अफगानिस्तान सरकार की सेना छोड़कर भाग गई थी. इन्हीं वाहनों और हथियारों में ये भारतीय हेलीकॉप्टर भी था, जिसे भारत ने अफगानिस्तान सरकार को तोहफे में दिया था.
अंतरराष्ट्रीय मान्यता नहीं मिलने का दिखा दर्द
समारोह के दौरान तालिबान नेताओं ने अपने भाषणों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता नहीं मिलने का दर्द जाहिर किया है. दरअसल सत्ता में लौटने के बाद कई देशों ने तालिबान सरकार को मान्यता देने में दिलचस्पी दिखाई थी, लेकिन तालिबान सरकार के मजहबी कट्टरपंथ को बढ़ावा दिए जाने और महिलाओं की स्वतंत्रता पर गंभीर प्रतिबंध लगाए जाने के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी छवि को लेकर संशय का माहौल बना हुआ है. इसके चलते कोई भी देश उसके साथ राजनयिक संबंध जोड़ने का उत्सुक नहीं है. तालिबान के गृहमंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी ने कार्यक्रम के दौरान कहा,'हम दुनिया से कहना चाहते हैं कि उसे चिंता नहीं करनी चाहिए. हमने अपनी आजादी उनसे छीन हैस लेकिन बदला लेने के लिए नहीं. हम अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण में सहयोग करना चाहते हैं.' हालांकि तालिबान के उपमुख्यमंत्री अब्दुल कबीर ने इस कार्यक्रम के दौरान दावा किया कि अफगानिस्तान में तालिबान सरकार से अब दूसरे देश जुड़ने लगे हैं. काबुल में फिर से विदेशी दूतावास खुल रहे हैं और तालिबान सरकार के राजनयिक करीब 40 देशों में तैनात कर दिए गए हैं.
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Taliban की मिलिट्री परेड में क्यों दिखा भारतीय हेलिकॉप्टर, वजह जानकर हो जाएंगे हैरान