डीएनए हिंदी: श्रीलंका में जनता विद्रोह पर उतर आई है. आर्थिक मंदी (Sri Lanka Economic Crisis) और उसके पीछे सत्ता के गलत फैसलों की वजह से जनता परेशान है. जनता के विद्रोह और उग्र प्रदर्शनों को देखते हुए राजनेता देश और पद छोड़कर भाग रहे हैं. दूसरी ओर देश के मशहूर क्रिकेटर और अन्य हस्तियां जनता के साथ खड़ी हैं. क्रिकेटर अर्जुन रणतुंगा (Arjuna Ranatunga) से लेकर सनथ जयसूर्या (Sanath Jayasuriya) तक, सब जनता के साथ आ गए हैं. इन क्रिकेटर्स का कहना है कि सत्ता के खिलाफ जनता का यह प्रदर्शन देश के भविष्य के लिए ज़रूरी है. आपको बता दें कि श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) के फरार होने के बाद प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) ने भी इस्तीफे का ऐलान कर दिया है.
जनता के प्रदर्शन के बीच शनिवार को श्रीलंकाई क्रिकेटर भी प्रदर्शनकारियों के बीच दिखे. कुछ खिलाड़ियों ने सोशल मीडिया पर भी मोर्चा संभाला और जनता के विद्रोह का समर्थन किया. प्रदर्शनकारियों के साथ श्रीलंका का गॉल स्टेडियम पहुंचे सनथ जयसूर्या ने गोटबाया राजपक्षे पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, 'कब्जा हो चुका है. आपका किला ढह चुका है. जनता की शक्ति की जीत हुई है. कृपया इतनी मर्यादा दिखाइए कि इस्तीफा दे दीजिए.'
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संगाकारा, जयसूर्या, जयवर्धने, सब जनता के साथ आए
दूसरी तरफ, श्रीलंका टीम के पूर्व कप्तान कुमार संगाकारा ने भी सोशल मीडिया पर ट्वीट किए. जनता के विद्रोह वीडियो पोस्ट करते हुए कुमार संगाकारा ने लिखा, 'यह हमारे भविष्य के लिए है.' पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी महेला जयवर्धने भी जनता के विद्रोह के समर्थन में हैं और ट्विटर पर लगातार ट्वीट कर रहे हैं. हालांकि, हिंसा की घटनाओं का विरोध करते हुए महेला जयवर्धने ने लिखा, 'यह आंदोलन हिंसा के लिए नहीं है, यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन है. हिंसा कभी भी कोई रास्ता नहीं हो सकती. मैं इस हिंसा का पुरजोर विरोध करता हूं.'
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आपको बता दें कि भारत की तरह ही श्रीलंका में भी क्रिकेट का खेल काफी लोकप्रिय है. ऐसे में क्रिकेट के खिलाड़ी भी जनता के बीच अच्छी-खासी पहचान रखते हैं. देश को संकट में देख ये खिलाड़ी भी खुद को रोक नहीं पाए और जनता के साथ आ गए. 1948 के बाद के सबसे बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका की हालत ऐसी हो गई है कि लोगों को खाने-पीने की चीजें भी बड़ी मुश्किल से मिल पा रही हैं.
जनता की तकलीफ में साथ निभा रहे खिलाड़ी
अप्रैल महीने में श्रीलंका की जनता के बीच उतरे पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी अर्जुन रणतुंगा ने कहा था, 'हमारे फैन्स आज सड़कों पर हैं क्योंकि अब वे इन मुश्किलों को सहन नहीं कर पा रहे हैं. उन्हें हमारी ज़रूरत है तो हमें उनके साथ खड़ा होना ही चाहिए. खिलाड़ियों को जनता के बीच उतरकर प्रदर्शन में उनका साथ देना चाहिए.' पूर्व खिलाड़ी रोशन महानमा ने भी राजपक्षे सरकार का विरोध किया था. उन्होंने श्रीलंका संकट की तुलना जिम्बॉब्वे के आर्थिक संकट से की थी.
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क्या चाहती है श्रीलंका की जनता?
लंबे समय से प्रदर्शन कर रही श्रीलंका की जनता राजपक्षे परिवार के प्रशासन से तंग आ चुकी है. यही कारण था कि प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे फरार होने पर मजबूर हो गए. उनके भाई और राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को प्रधानमंत्री बनाकर संतुलन साधने की कोशिश तो की लेकिन जनता समझ गई कि विक्रमसिंघे भी राजपक्षे परिवार के करीबी ही हैं. ऐसे में जनता सड़क पर उतर आई और गोटबाया राजपक्षे का इस्तीफा मांगने लगी. शनिवार को श्रीलंका में प्रदर्शनकारियों ने 'गोटबाया वापस जाओ' और 'गोटबाया इस्तीफा दो' के नारे लगाए.
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श्रीलंका में स्कूल बंद हैं, परीक्षाएं रोक दी गई हैं. खाने-पीने की चीजें नहीं मिल रही हैं. महीनों से लोगों को वेतन नहीं मिले हैं. डीजल-पेट्रोल की भारी कमी है. सरकारी खजाना खाली है. दवाओं जैसी तमाम बेहद ज़रूरी चीजों का भी अकाल पड़ गया है. जनता इन्हीं समस्याओं का हल चाहती है. वह लगातार राजनीतिक नेतृत्व पर दबाव बना रही है कि वे अपनी जिम्मेदारी ठीक से निभाएं और जनता को इस संकट से उबारें.
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Sri Lanka Crisis: नेता भाग गए, सड़क पर उतरे क्रिकेटर, समझिए क्या चाहते हैं श्रीलंका के लोग