डीएनए हिंदी: आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में सरकार बदल गई है. अब नए प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के नेतृत्व में नई सरकार आर्थिक संकट से उबरने के लिए कई कदम उठा रही है. हालात इतने बुरे हैं कि श्रीलंका की सरकार लोगों को सैलरी देने क लिए नए नोट छाप रही है. आर्थिक मामलों के जानकारों का कहना है कि नए नोट छापने की वजह से श्रीलंका और भी बुरे आर्थिक संकट में फंस सकता है.
श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कहा है कि है कि देश को आर्थिक संकट से उबारने के लिए वह नए नोट छापने के लिए मजबूर हैं. श्रीलंका ने साल 2021 में 1.2 लाख करोड़ रुपये छापे थे. वहीं, साल 2022 की पहली तिमाही में ही वहां 58800 करोड़ रुपये के नोट छापे जा चुके हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर 2019 से अगस्त 2021 के बीच श्रीलंका में मनी सप्लाई 42 प्रतिशत बढ़ गई है.
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सैलरी देने के लिए भी नहीं हैं पैसे
श्रीलंका के सरकारी कर्मचारियों को कई महीनों से वेतन नहीं मिल पाया है. उन्हें वेतन देने के लिए भी सरकार के पास पैसे नहीं हैं. देश में सिर्फ़ एक दिन का पेट्रोल-डीजल बचा है. श्रीलंका सरकार कोशिश कर रही है कि उसके पास कुछ डॉलर आ जाएं और वह क्रूड ऑयल के तीन शिप के लिए पैसे चुका सके, जिससे देश को तेल के संकट से थोड़ी राहत मिल सके. रानिल विक्रमसिंघे ने कहा है कि अगले कुछ महीने श्रीलंका के लिए काफी मुश्कल होने वाले हैं.
आर्थिक संकट से बुरी तरह जूझ रहे श्रीलंका में लोग खाने-पीने की चीजों के भी मोहताज हो रहे हैं. लोगों के हाथ में पैसे देने और घाटे को कम करने के साथ-साथ टैक्स की दरें भी कम रखने के लिए सरकार नए नोट छाप रही है. आर्थिक मामलों के जानकारों का कहना है कि इतने खराब हालात में इस तरह के कदम उठाना काफी खतरे भरा हो सकता है.
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पैसे छापने से दूर हो जाएगी समस्या?
हालांकि, श्रीलंका की नई सरकार अपने इस कदम को सही बता रही है. उसके मुताबिक, अर्थव्यवस्था सुधारने और लोगों की मदद करने के लिए फिलहाल यही तरीका सबसे बेहतर है. दरअसल, अर्थशास्त्र के नियमों में यह माना जाता है कि अगर लोगों के पास पैसा ज्यादा होगा तो चीजों की मांग ज्यादा बढ़ेगी और नतीजतन प्रतियोगिता भी बढ़ जाएगी. मार्केट में प्रतियोगिता बढ़ने पर वही लोग सामान खरीद पाएंगे, जिनके पास पैसा होगा. ऐसे में गरीब और मध्यम वर्ग के लिए और समस्याएं खड़ी हो सकती हैं.
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आपको बता दें कि कई महीने से देश में आर्थिक संकट व्याप्त है. लोगों के तगड़े विरोध के चलते प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. श्रीलंका में कुछ दिनों तक अराजकता की स्थिति भी रही. कई जगहों पर हिंसक घटनाएं हुईं और सत्ता पक्ष के कई नेताओं पर भी हमले किए गए.
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अब सैलरी देने के लिए नए नोट छापने लगी श्रीलंका की सरकार, क्या इससे सुधरेगी अर्थव्यवस्था?