डीएनए हिंदी: श्रीलंका (Sri Lanka) की अर्थव्यवस्था तबाह हो चुकी है. राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के खिलाफ जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. आपातकाल के बीच भारत श्रीलंका का सबसे बड़ा मददगार बनरकर पहुंचा है. भारत से 40 हजार मीट्रिक टन डीजल की एक खेप श्रीलंका भेजी है. भारत की ओर से इस तरह की यह चौथी मदद है. चीन ने श्रीलंका से दूरी बनाकर रखी है.
भारत ने मुश्किल वक्त में श्रीलंका को वित्तीय संकट से उबारने की ठानी है. भारतीय 50 करोड़ डॉलर की ऋण सहायता के तहत 40,000 मीट्रिक टन डीजल शनिवार को कोलंबो बंदरगाह पहुंचा. जैसे ही शिपमेंट आया, सीलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड (सीईबी) ने बिजली कटौती कम करने का ऐलान किया. CEB ने कहा कि 13 घंटे की बिजली कटौती अब रविवार से घटाकर लगभग 2 घंटे कर दी जाएगी.
Sri Lanka के आर्थिक संकट की वजह क्या है, क्यों राष्ट्रपति ने की है आपातकाल की घोषणा?
क्यों हुई श्रीलंका में बिजली की किल्लत?
श्रीलंका का बिजली उत्पादन मुख्य रूप से ईंधन पर निर्भर करता है. दो संयंत्रों को छोड़कर सभी डीजल की कमी की वजह से बंद हो गए हैं. कई दिनों से देश की अर्थव्यवस्था माल के परिवहन की कमी से जूझ रही है जबकि मशीनीकृत खेती और मछली पकड़ना बंद हो गया है. ईंधन स्टेशनों में डीजल नहीं होने से कारोबार ठप है.
भारत ने भेजी चौथी बड़ी मदद
भारत से ईंधन लाइन ऑफ क्रेडिट के तहत चौथी खेप 16, 20 और 23 मार्च को तीन पिछली डिलीवरी के बाद भेजी गई है. पिछले 50 दिनों में भारत ने श्रीलंका को लगभग 200,000 मीट्रिक टन की आपूर्ति की है, जिसमें फरवरी 2022 में ऋण सुविधा के अलावा इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन द्वारा 40,000 मीट्रिक टन की खेप शामिल है.
Standing with #Srilanka!!! @LankaIOCPLC supplied 6000 MT of fuel to the Ceylon Electricity Board today. pic.twitter.com/j088shtRNZ
— India in Sri Lanka (@IndiainSL) April 1, 2022
Sri Lanka Crisis: क्या आर्थिक बदहाली की वजह से भारत के करीब आ रहा है श्रीलंका?
भारतीय उच्चायोग ने कहा, 'श्रीलंका की जरूरत की तत्काल प्रकृति को देखते हुए भारत ने ओवरटाइम को तेजी से अंतिम रूप देने और हफ्तों के भीतर क्रेडिट की दोनों लाइनों को लागू करने के लिए काम किया.'
पड़ोसी पहले की नीति पर बढ़ रहा भारत
कोलंबो पोर्ट का दौरा करने वाले भारतीय उच्चायुक्त गोपाल बागले ने कहा कि ईंधन वितरण श्रीलंका के लोगों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का एक ठोस अभिव्यक्ति है, जो मौजूदा हालात में अपनी 'पड़ोसी पहले' नीति के अनुरूप है. श्रीलंका के ऊर्जा मंत्री गामिनी लोकुगे ने शिपमेंट का स्वागत करने के लिए बंदरगाह का दौरा किया. उन्होंने भारत को शुक्रिया कहा है. इससे पहले, भारतीय निर्यात आयात बैंक और श्रीलंका सरकार ने 2 फरवरी को पेट्रोलियम उत्पादों की खरीद के लिए 500 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. (IANS इनपुट के साथ)
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