डीएनए हिंदी: श्रीलंका (Sri Lanka) की अर्थव्यवस्था अपने सबसे खराब दौर से गुजर रही है. भीषण आर्थिक संकट से जूझ रहे इस देश में आम नागरिक हिंसक विरोध प्रदर्शनों के लिए मजबूर हो गए हैं. राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) ने पब्लिक इमरजेंसी का ऐलान किया है.
राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने अपने आदेश में कहा है कि देश की सुरक्षा और जरूरी सेवाओं की आपूर्ति के रखरखाव के लिए यह फैसला लिया गया है. आर्थिक तंगी और बदहाली की वजह से श्रीलंका के आम नागरिक सड़कों पर आ गए हैं और सरकार के खिलाफ उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं. बदतर हिंसक माहौल को देखते हुए श्रीलंका के राष्ट्रपति इमरजेंसी की घोषणा की है.
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क्यों श्रीलंका में घोषित हुई है इमरजेंसी?
श्रीलंका के राष्ट्रपति राजपक्षे ने सार्वजनिक सुरक्षा अध्यादेश की धाराएं लागू कीं हैं. इस अध्यादेश के तहत उन्हें सार्वजनिक सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था के संरक्षण, विद्रोह के दमन और दंगा की स्थिति में इमरजेंसी घोषित करने का अधिकार मिला है. जरूरी आपूर्तियों के रख-रखाव के लिए भी वह इमरजेंसी की घोषणा कर सकते हैं. श्रीलंका में ऐसी ही स्थितियां बन गई हैं.
इमरजेसी के दौरान राष्ट्रपति के पास होते हैं कितने अधिकार?
आपातकालीन नियमों के तहत किसी की भी गिरफ्तारी की जा सकती है. किसी की भी संपत्ति पर अधिकार हासिल किया जा सकता है. किसी भी परिसर की तलाशी ली जा सकती है. इमरजेंसी के दौरान राष्ट्रपति के पास यह अधिकार होता है कि वह किसी भी कानून को निलंबित या रद्द कर सकते हैं.
कोलंबों में भी हुआ उग्र विरोध प्रदर्शन
गुरुवार को श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में राष्ट्रपति राजपक्षे के आवास के बाहर सैकड़ों प्रदर्शनकारी पुलिस और सेना के साथ भिड़ गए. पुलिस ने लगभग 54 लोगों को गिरफ्तार किया. तेल और दूसरे जरूरी सामानों की भीषण किल्लत की वजह से जगह-जगह हिसक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. शुक्रवार को कोलंबो और उसके आसपास के इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया था.
श्रीलंका में और गहराएगा संकट
हिंसक विरोध प्रदर्शनों में दर्जनों लोग घायल भी हुए. श्रीलंका के पर्यटन मंत्री प्रसन्ना रणतुंगे ने कहा, 'श्रीलंका विदेशी मुद्रा की कमी से जूझ रहा है. इस तरह के विरोध प्रदर्शनों से हालात और भी बदतर हो रहे हैं. इससे पर्यटन को भी बहुत नुकसान पहुंच रहा है. इसके गंभीर आर्थिक परिणाम सामने आएंगे.'
दिवालिया हो गया है श्रीलंका, क्यों राष्ट्रपति ने घोषित किया आपातकाल?
श्रीलंका सरकार भी मान रही है कि देश अब दिवालिया हो रहा है. श्रीलंका में बुनियादी चीजों की किल्लत शुरू हो गई है. लोग श्रीलंका छोड़कर भारत और दूसरे देशों की ओर जा रहे हैं. वहां लोगों का रहना मुहाल हो गया है. देश में बिजली की भी भीषण किल्लत है. पेट्रोल पंपों पर डीजल और पेट्रोल भी नहीं है. सार्वजनिक सेवाएं पूरी तरह से बाधित हैं. श्रीलंका सरकार के खिलाफ लोगों में आक्रोश है, जिसकी वजह से देशव्यापी हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. यही वजह है कि राष्ट्रपति राजपक्षे ने इमरजेंसी का ऐलान किया है.
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