डीएनए हिंदी: श्रीलंका में चल रहे आर्थिक और राजनीतिक संकट (Sri Lanka Crisis) के बीच देश की अदालत ने गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे (Mahinda Rajpakshe) और उनके बेटे नमल राजपक्षे समेत 15 अन्य सहयोगियों के देश छोड़ने पर रोक लगा दी. कोर्ट ने यह रोक पिछले हफ्ते कोलंबो में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर हुए हमले की चल रही जांच के मद्देनजर लगाई है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोर्ट मजिस्ट्रेट की अदालत ने महिंदा राजपक्षे (Mahinda Rajpakshe) के विदेश जाने पर रोक सोमवार को गोटागोगामा और माइनागोगोमा में प्रदर्शनकारियों पर हुए हमले की जांच के मद्देनजर लगाई गई है. कोर्ट ने जिन लोगों के देश छोड़ने पर रोक लगाई है उनमें , महिंदा राजपक्षे, नमल राजपक्षे, सांसद जॉनसन फर्नांडो, पवित्रा वत्रीराचची, कंचना जयरत्ने, संजीवा इदिरिमाने, रोहिता अबेगुनावर्धना, सीबी रत्नायके, संपत अथुकोरला, रेणुका परेरा, सनत निशांत, वरिष्ठ डीआईजी देशबंधु तेत्रेकून शामिल हैं.
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अटॉर्नी जनरल ने की थी रोक की मांग
इससे पहले अटॉर्नी जनरल ने इन 17 लोगों के विदशे जाने पर रोक लगाने की मांग की थी. उन्होंने कोर्ट को बताया था कि गोटागोगामा और मैनागोगामा में प्रदर्शनकारियों पर हुए हमले की जांच में इन लोगों का मौजूद रहना जरूरी है, क्योंकि ऐसा प्रतीत होता है कि इन्होंने साजिश रची और हमले की योजना बनाई.
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सोमवार को भड़की थी हिंसा
गौरतलब है कि सोमवार को कोलंबो में लोग सरकार के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे. आरोप है कि राजपक्षे समर्थकों ने प्रदर्शन कर रहे लोगों पर हमला किया. जिसके बाद पूरे देश में हिंसा भड़क गई. सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी महंगाई, आर्थिक संकट, खाने के सामनों की कमी के चलते राजपक्षे परिवार के नेतृत्व वाली सरकार से इस्तीफा मांग रहे थे. हालांकि इस हिंसा के बाद महिंदा राजपक्षे पीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा.
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Sri Lanka Crisis: महिंदा राजपक्षे की मुश्किलें बढ़ी, कोर्ट ने देश छोड़ने पर लगाई रोक