डीएनए हिंदी: Elon Musk Dream Rocket Fail- इंसानों को मंगल ग्रह ले जाने के दावे कर रहा स्पेसएक्स (SpaceX) का बाहुबली रॉकेट स्टारशिप (Starship) अपनी दूसरी लॉन्चिंग में भी फेल हो गया है. एलन मस्क (Elon Musk) का सपना बताए जा रहे इस रॉकेट में को उड़ान भरने के महज 4 मिनट बाद ही विस्फोट हो गया. स्टारशिप को अमेरिका के टेक्सास में बोका चिका (Boca Chica) स्थित स्टारेबस (Starbase)से भारतीय समयानुसार शाम 7 बजे लॉन्च किया गया था. गल्फ ऑफ मेक्सिको के ऊपर आसमान में 33 किलोमीटर की ऊंचाई पर पहुंचने के बाद इसमें विस्फोट हो गया. स्पेसएक्स ने रॉकेट के अवशेष बटोरना शुरू कर दिया है ताकि फ्लाइट रिकॉर्डर से इसकी खामी का पता लगाकर अगली उड़ान के लिए सुधार किया जा सके.
सोमवार को खामी के कारण रोकी गई थी लॉन्चिंग
स्टारशिप को पहले सोमवार को लॉन्च किया जाना था, लेकिन तब भी उड़ान भरने से महज 39 सेकेंड पहले एक खामी दिखाई देने के कारण लॉन्चिंग रोक दी गई थी. उस समय इसके प्रेशर वॉल्व को फ्रीज पाया गया था. कंपनी स्टारशिप का यह पहला आर्बिटल टेस्ट कर रही थी.
Starship Super Heavy has experienced an anomaly before stage separation! 💥 pic.twitter.com/MVw0bonkTi
— Primal Space (@thePrimalSpace) April 20, 2023
कंपनी ने रॉकेट ब्लास्ट होने पर भी दी टीम को बधाई
रॉकेट के ब्लास्ट होने के बाद भी स्पेसएक्स कंपनी के हेडक्वार्टर में कर्मचारी खुशी मनाते हुए दिखे, क्योंकि इसके उड़ान भरने को ही बड़ी सफलता माना जा रहा है. स्पेसएक्स कंपनी ने रॉकेट के उड़ान भरने के थोड़ी देर बाद ही ब्लास्ट होने के बावजूद पूरी टीम को बधाई दी. कंपनी ने ऑफिशियल बयान में कहा, स्टारशिप के पहले फ्लाइट टेस्ट के लिए पूरी टीम को बधाई. टीमें डाटा रिव्यू जारी रखकर अगले फ्लाइट टेस्ट की तैयारी करेंगी. ऐसा एक टेस्ट के साथ हम जो कुछ सीखते हैं, उससे आगे सफलता मिलती है. स्पेसएक्स के मुताबिक, स्टारशिप ने स्टेज सेपरेशन से पहले रैपिड अनशेड्यूल्ड डिसअसेंबली एरर दिखाया. इस टेस्ट से हमें स्टारशिप में और ज्यादा पुख्ता सुधार करने का मौका मिलेगा.
Congrats @SpaceX team on an exciting test launch of Starship!
— Elon Musk (@elonmusk) April 20, 2023
Learned a lot for next test launch in a few months. pic.twitter.com/gswdFut1dK
ऐसा है स्टारशिप रॉकेट
करीब 394 फीट ऊंचा और 29.5 फीट गोलाई वाला स्टारशिप दुनिया का सबसे बड़ा रॉकेट है. इसके ऊपरवाला 164 फुट का हिस्सा स्टारशिप कहलाता है, जिसमें छह इंजन लगे हैं. इनके लिए रॉकेट में 1200 टन ईंधन का टैंक है. यह रॉकेट महज 30 मिनट में पूरी पृथ्वी का चक्कर लगा सकता है. दूसरा 226 फीट का हिस्सा 3400 टन ईंधन वाला रॉकेट है, जिसमें 33 रैप्टर इंजन लगे हुए हैं. इस रॉकेट का काम स्टारशिप वाले हिस्से को अंतरिक्ष में 241 किलोमीटर ऊपर तक छोड़कर वापस पृथ्वी पर लौट आना है.
Liftoff of Starship! pic.twitter.com/4t8mRP37Gp
— SpaceX (@SpaceX) April 20, 2023
100 लोगों के बैठने की जगह, इसी कारण नासा ने चुना है चंद्र मिशन के लिए
स्पेसएक्स का दावा है कि स्टारशिप में एक बार में 100 लोग बैठकर अंतरिक्ष में लंबी दूरी की यात्रा कर पाएंगे. इसके लिए स्पेसएक्स अंतरिक्ष में अपने ईंधन डिपो भी बनाएगा. इसी कारण अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने स्टारशिप को अपने चंद्र मिशन के लिए चुना है, जिसमें साल 2025 में आम इंसानों को यात्री की तरह चंद्रमा पर घुमाकर लाने की योजना है.
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Elon Musk के स्टारशिप का दूसरा लॉन्च भी फेल, मानव मंगल मिशन का रॉकेट 33 किमी ऊपर जाकर फटा