डीएनए हिंदी: World News in Hindi- भारत और कनाडा के बीच चल रहे मौजूदा कूटनीतिक तनाव के बीच विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने वैश्विक समुदाय को स्पष्ट रूप से भारतीय नीति की झलक दे दी है. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक को संबोधित करते हुए मजबूती से यह बात स्पष्ट कर दी कि अब भारत झुकने वाले देशों में शामिल नहीं है. उन्होंने बिना किसी देश का नाम लिए कहा कि अब वो वक्त नहीं रहा है, जब कुछ देश अपने हिसाब से एजेंडा सेट करते थे और दुनिया उस पर चलती थी. उन्होंने कनाडा का नाम लिए बिना उस पर तंज कसा और कहा कि सियासी सहूलियत के हिसाब से आतंकवाद, कट्टरपंथ और हिंसा के खिलाफ कार्रवाई करना सही नहीं है. अपनी सहूलियत के हिसाब से किसी दूसरे देश की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान और आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करना भी तय नहीं हो सकता. उन्होंने बिना नाम लिए भारत-कनाडा विवाद पर कई देशों के रुख की भी आलोचना की.
'भारत आपदा में मददगार साबित हुआ है'
जयशंकर ने दुनिया को वैश्विक हालात में भारत की अहमियत भी समझाने की कोशिश की. उन्होंने कहा, भारत की तरफ से नमस्ते. दुनिया कोरोना काल के बाद बेहद उथल-पुथल भरे दौर में है. कई बड़ी चुनौतियां सामने हैं. ऐसे में सबसे ज्यादा दबाव विकासशील देशों पर है. हर आपदा में भारत ने आगे बढ़कर मदद की है. यह समय हमारी उपलब्धियों और चुनौतियों का जायजा लेने का है, लेकिन कुछ देश अपने हिसाब से एजेंडा तय करने में लगे हैं. दोबारा विश्वास का माहौल बनाने और विश्व को एकजुट रखने की संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) की कोशिश को हमारा पूरा समर्थन है. उन्होंने भारत की G20 अध्यक्षता की तारीफ की. उन्होंने कहा, ऐसे समय में भारत ने G20 अध्यक्ष के तौर पर अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई है. हमारी पहल से अफ्रीकन यूनियन इस संगठन का हिस्सा बनी है.
यहां देखें विदेश मंत्री का पूरा भाषण:
Our Statement at the General Debate of the 78th session of #UNGA. https://t.co/yY3kdVf45p
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 26, 2023
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बदलाव का मुद्दा उठाया
जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में कुछ ही देशों के पास वीटो पॉवर होने के मुद्दे का जिक्र किए बिना इस तरफ इशारा किया. उन्होंने UNSC में बदलाव की मांग को दोहराते हुए कहा, बदलते समय में दूसरे देशों की बात सुननी बेहद जरूरी है. कुछ देशों का एजेंडा सब पर थोपकर दुनिया नहीं चलाई जा सकती है. वे दिन खत्म हो गए जब कुछ देश एजेंडा तय करते थे और उम्मीद करते थे कि दूसरे भी इसमें साथ देंगे. उन्होंने कहा कि मैं एक ऐसे समाज का प्रतिनिधि हूं, जहां लोकतंत्र की प्राचीन परंपराओं में गहरी आधुनिक जड़ें हैं. हमारी सोच, दृष्टिकोण और कार्य ज्यादा जमीनी और कारगर हैं.
हम लीडिंग पॉवर बनने की तैयारी में
एस. जयशंकर ने UNGA बैठक में जवाहरलाल नेहरू के गुटनिरपेक्ष आंदोलन को याद किया और मौजूदा विश्व की बात की. उन्होंने कहा कि हम गुटनिरपेक्षता के युग से मित्रता के युग में पहुंच गए हैं. इस युग में हम लीडिंग पॉवर बनने की तैयारी में हैं. यह अपनी प्रशंसा करने के लिए बनी बल्कि बड़ी जिम्मेदारी लेने और अपना योगदान सबकी तरक्की और सुख-शांति में देने के लिए है. उन्होंने भारत की संसद में पास हुए महिला आरक्षण बिल की चर्चा की और आतंकवाद को रोकना वैश्विक शांति के लिए सबसे ज्यादा जरूरी बताया है.
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'तय एजेंडा नहीं चलेगा, सबकी बात सुननी जरूरी' जयशंकर ने UN के मंच से कनाडा को घेरा, दुनिया की दी नसीहत