डीएनए हिंदी: भारत सरकार द्वारा तत्काल यूक्रेन के शहर Kharkiv को छोड़ने का परामर्श जारी किए जाने के एक दिन बाद भी वहां फंसे तमाम छात्र युद्ध ग्रस्त पूर्वी यूक्रेन से सुरक्षित क्षेत्र में जाने का प्रयास कर रहे हैं.
खारकीव में युद्ध तेज होने के बाद भारत ने बुधवार को अपने लोगों से कहा था कि वे तत्काल शहर से बाहर निकल जाएं, अगर उन्हें पैदल यात्रा करनी पड़े तब भी. वहीं रूस ने संघर्ष वाले क्षेत्र से भारतीयों को बाहर निकलने के संबंध में ‘मानवीय कॉरिडोर’ बनाने का वादा किया है.
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हालांकि, छात्रों का दावा है कि उन्हें अभी भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है.
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खारकीव में मौजूद एक भारतीय मेडिकल छात्रा फिरदौस तरन्नुम ने कहा, "सिर्फ इसलिए क्योंकि रात गुजर गई है और हम बच गए हैं, इसका अर्थ यह नहीं है कि संघर्ष समाप्त हो गया है. हम अभी भी सुरक्षित क्षेत्र में नहीं हैं. हमने चलना शुरू किया, लेकिन रेलवे स्टेशनों पर लोगों की बाढ़ आयी हुई है और अभी भी हम ट्रेन पर सवार नहीं हो पाए हैं."
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मेडिकल के पहले वर्ष के छात्र रेहम खान ने कहा, "हम खारकीव के पास पिसोचिन में एक सुरक्षित स्थान पर हैं. हमारे पास कंबल नहीं हैं और खाना भी लगभग समाप्त हो गया है. सरकार का परामर्श जारी होने के साथ ही हमने तत्काल चलना शुरू कर दिया. मैं आशा करता हूं कि वे हमारे लिए तत्काल बसों का इंतजाम करेंगे ताकि हम यहां से बाहर निकल सकें."
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