डीएनए हिंदी: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के यूक्रेन (Ukraine) पर रुख को लेकर दुनिया के कई देश चिंतित हैं. व्लादिमीर पुतिन ऐलान किया है कि दोनेत्स्क (Donetsk) और लुहांस्क ( Luhansk) दो अलग-अलग स्वतंत्र देश होंगे. उन्होंने यूक्रेन का विभाजन कर दिया है.
पुतिन के इस फैसले के खिलाफ पश्चिमी देश एकजुट हो गए हैं. ज्यादातर देशों ने रूस के इस फैसले की सार्वजनिक निंदा की है. नाटो देशों ने यूक्रेन में सैन्य मदद बढ़ाने का फैसला भी लिया है. अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस ने रूस के इस फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई है. यूक्रेन संकट पर दुनिया क्या कह रही है, आइए समझते हैं.
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क्या है Canada का रुख?
कनाडा (Canada) के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) ने कहा कि वह पूर्वी यूरोप में सैकड़ों सैनिक भेज रहे हैं और यूक्रेन में सेना की तैनाती के जवाब में रूस पर नए प्रतिबंध भी लगा रहे हैं. जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि 460 अतिरिक्त कनाडाई सशस्त्र बलों के सदस्यों को लातविया और आसपास के क्षेत्र में रूसी आक्रमण का सामना करने के लिए भेज रहे हैं. उन्होंने कहा है कि नॉर्थ अटलांटिक संधि संगठन (NATO) को मजबूत करने के लिए सैनिकों भेजा जा रहा है. उन्होंने कहा कि रूस को आर्थिक रूप से अलग-थलग करने के लिए कनाडा अपने सहयोगियों के साथ मिलकर कई कदम उठा रहा है.
क्या है अमेरिका का रिएक्शन?
अमेरिका (USA) के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Antony Blinken) ने कहा कि रूस ने यूक्रेन के अलगाववादी क्षेत्रों को स्वतंत्र क्षेत्र के तौर पर मान्यता दी है. ऐसे में जिनेवा में रूसी समकक्ष के साथ होने वाली बैठक रद्द की जाती है. एंटनी ब्लिंकन ने मंगलवार को कहा कि रूस की कार्रवाई दर्शाती है कि वह मौजूदा संकट के समाधान के लिए कूटनीतिक रास्ता अपनाने को लेकर गंभीर नहीं है.
एंटनी ब्लिंकन ने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ बृहस्पतिवार को होने वाली बैठक रद्द कर दी है. ब्लिंकन ने कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र की स्वतंत्रता को मान्यता देने का निर्णय अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि वहां रूसी सैनिकों की तैनाती एक आक्रमण की शुरुआत थी. विदेश मंत्री ने हालांकि कूटनीति के माध्यम से शांतिपूर्ण समाधान की आशा व्यक्त की. उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि इस समय लावरोव के साथ बैठक सार्थक साबित होगी.
क्या बोले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की?
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) ने मंगलवार रात घोषणा की कि रूस के आक्रमण करने की आशंका के चलते वह देश के कुछ आरक्षित सैनिकों को तैनाती के लिए बुला रहे हैं. हालांकि उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पूर्ण सैन्य लामबंदी की अभी कोई जरूरत नहीं है. राष्ट्रपति ने राष्ट्र को एक वीडियो के जरिए संबोधित करते हुए कहा कि उनका आदेश केवल तथाकथित रिज़र्व सैनिकों पर लागू होता है, जो आम तौर पर संकट के समय सक्रिय हो जाते हैं और एक निश्चित समय के लिए सक्रिय रहते हैं.
जेलेंस्की ने इस संबंध में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी. उन्होंने कहा कि अभी पूर्ण सैन्य लामबंदी की जरूरत नहीं है. हमें यूक्रेन की सेना और अन्य सैन्य संरचनाओं में अतिरिक्त सैनिकों को शामिल करने की जरूरत . यूक्रेन के सशस्त्र बलों में लगभग 250,000 सैनिक हैं और 140,000 सैनिकों को रिजर्व (तैनाती के लिए तैयार) में रखा गया हैं.
वॉल स्ट्रीट पर गिरने लगे स्टॉक!
रूस की ओर से यूक्रेन के पूर्वी क्षेत्रों में सेना भेजे जाने के बाद, तनाव बढ़ने के बाद वॉल स्ट्रीट पर स्टॉक गिर गए हैं. एस एंड पी का शेयर मंगलवार को 500 से एक प्रतिशत गिरकर 4,304.76 पर आ गया और अब वह जनवरी में अपने ऑल टाइम हाई सेट से 10 प्रतिशत से नीचे है. डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज और नैस्डैक शेयर भी एक प्रतिशत से अधिक गिरे. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थित अलगाववादी क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता देने के बाद यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की आशंका बढ़ गई है. इसका जवाब अमेरिका और यूरोपीय संघ ने प्रतिबंधों से दिया है.
क्या बोले जो बाइडेन?
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने घोषणा की कि रूस के यूक्रेन पर आक्रमण करने पर अमेरिका, रूसी बैंकों और कुलीन वर्गों के खिलाफ कड़े वित्तीय प्रतिबंध लगाएगा. जो बाइडन ने मंगलवार को व्हाइट हाउस में कहा कि यदि रूस, यूक्रेन पर एक बड़ा आक्रमण करता है तो ऐसे में अमेरिका और उसके सहयोगियों द्वारा उस पर लगाए जाने वाले प्रतिबंधों की यह शुरुआत मात्र होगी. बाइडन ने कहा कि रूस से खतरे के बीच एकजुटता दिखाने के लिए वह अमेरिका नाटो बाल्टिक सहयोगियों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त बल भेज रहे हैं.
क्या है जी-7 देशों का रिएक्शन?
जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेरबॉक ने जी-7 राष्ट्रों की एक बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में मंत्रियों ने पूर्वी यूक्रेन में दोनेत्स्क (Donetsk) और लुहांस्क की स्वतंत्रता को मान्यता देने के रूस के फैसले की निंदा की. जी-7 बैठक में यूरोपीय संघ के साथ कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल थे. जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि जी-7 में शामिल देशों के विदेश मंत्री रूस के फैसले के जवाब में प्रतिबंधात्मक कदम उठाने पर सहमत हुए हैं.
जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कॉल्ज ने कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के पूर्वी यूक्रेन के अलगाववादी क्षेत्रों में सैनिकों की तैनाती के आदेश के बावजूद जर्मनी, यूक्रेन को हथियार निर्यात नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि जर्मनी ने संकटग्रस्त क्षेत्रों में हथियारों का निर्यात नहीं करने का निर्णय बहुत पहले किया था और हम उस पर कायम हैं. पूर्वी यूक्रेन के अलगाववादी क्षेत्रों में सैनिकों की तैनाती करने के पुतिन के आदेश का विरोध करने के लिए प्रदर्शनकारी बर्लिन में रूसी दूतावास के बाहर एकजुट भी हुए.
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क्या है लीबिया का रिएक्शन?
लीबिया की अंतरिम सरकार ने कहा कि वह दक्षिण-पूर्व यूक्रेन में दो अलगाववादी क्षेत्रों को मान्यता देने के रूस के फैसले को खारिज करती है. गवर्नमेंट ऑफ नेशनल यूनिटी ने एक बयान रूस से यूक्रेन संकट का समाधान खोजने के लिए तनाव कम करने और कूटनीति का सहारा लेने का आग्रह किया है.
रूस ने क्या कहा है?
रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसने खतरों के संकेत के बीच यूक्रेन से रूसी राजनयिक कर्मियों को निकालने का फैसला किया है. मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि यूक्रेन में रूसी राजनयिकों को कई धमकियां मिली हैं और उन्हें जल्द से जल्द वहां से निकाला जाएगा. मंत्रालय ने इस संबंध हालांकि कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी.
क्या चाहता है फ्रांस?
फ्रांस के विदेश मंत्री ज्यां-यवेस ले द्रायां ने कहा कि यूरोपीय संघ के 27 सदस्यों ने यूक्रेन में शामिल रूसी अधिकारियों को लक्षित करने वाले प्रतिबंधों के प्रारंभिक सेट पर सर्वसम्मति से सहमति जताई है. नाटो के महासचिव जेंस स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि रूस यूक्रेन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई कर रहा है. स्टोलटेनबर्ग ने रूस के कदम को तनाव बढ़ाने वाला और अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन बताया है. नाटो प्रमुख ने कहा ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि रूस, यूक्रेन पर व्यापक स्तर पर हमला करने की योजना बना रहा है.
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