डीएनए हिंदी: यूक्रेन-रूस युद्ध (Russia Ukraine War), कोरिया विवाद और दुनियाभर की अलग-अलग गतिविधियों से कई देशों के बीच तनाव का माहौल है. रूस ने कई बार चेतावनी भी दी है कि वह परमाणु हमला (Atomic Attack) कर सकता है. उत्तर कोरिया लगातार परमाणु हथियारों का परीक्षण कर रहा है. इस सबसे परमाणु हमले से बचने के उपाय खोजे जा रहे हैं. परमाणु हमले के बाद होने वाले रेडिएशन (Nuclear Radiation) से बचाने वाली दवा के रूप में पोटैशियम आयोडाइड की खूब चर्चा हो रही है. नतीजा यह है कि कई देशों में पोटैशियम आयोडाइड की गोलियां भारी मात्रा में खरीदी जा रही हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने पोटैशियम आयोडाइड की गोलियां खरीदने के लिए दो हजार करोड़ से ज्यादा रुपये खर्च कर दिए हैं. 

अमेरिका की जो बाइडन सरकार ने 2 अक्टूबर को बताया कि वह 2,389 करोड़ रुपये खर्च करके आयोडीन की ये गोलियां खरीद रहा है. जो बाइडन सरकार ने कहा है कि ये गोलियां परमाणु हमले के अलावा केमिकल अटैक, बायोलॉजिकल अटैक और रेडियोलॉजिकल हमलों से भी बचा सकती हैं, इसीलिए इतने बड़े पैमाने पर इन्हें खरीदा जा रहा है. आइए विस्तार से समझते हैं कि परमाणु हमले और आयोडीन का क्या कनेक्शन है...

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क्यों खास है पोटैशियम आयोडाइड?
पोटैशियम आयोडाइड को आयोडीन की दवा भी कहते हैं. कहा जाता है कि यह दवा परमाणु हमले के बाद होने वाले रेडिएशन से लोगों को बचा सकता है. दरअसल, परमाणु बम के धमाके के बाद रेडियोऐक्टिव तत्व I-131 तैरने लगता है. यह सांस के ज़रिए आपके शरीर में घुस जाता है. इसकी वजह से थायरॉइड कैंसर, ल्यूकीमिया, मेंटल डिसऑर्डर और गले और शरीर के दूसरे हिस्सों में ट्यूमर जैसी दिक्कतें होने लगती हैं.

दावा है कि I-131 से लोगों को बचाने के लिए ही आयोडीन की इस दवा यानी पोटैशियम आयोडाइड का इश्तेमला किया जाता है. इसे पोटैशियम और आयोडाइड को मिलाकर बनाया जाता है. आपको बता दें कि आयोडीन 37 तरह का होता है. इसमें से सिर्फ़ आयोडीन-127 ही ऐसा है जो सीधे तौर पर आपको नुकसान नहीं पहुंचा सकता है. वहीं, परमाणु बम से निकलने वाले I-131 का रेडिएशन इतना खतरनाक होता है कि इससे इंसान की कई पीढ़ियों तक असर बना रहता है.

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परमाणु हमले से कैसे बचाता है आयोडीन?
वैज्ञानिकों के मुताबिक, पोटैशियम आयोडाइड में ऐसा आयोडीन होता है जो रेडियोऐक्टिव नहीं होता है. अगर कोई इसे खाता है तो आपके शरीर में आयोडीन की मात्रा कम घुसती है. परमाणु हमले के समय आपके शरीर में जाने वाले आयोडीन-131 को खत्म करने में भी यह दवा कारगर मानी जाती है. इसके अलावा, I-131 की वजह से बनने वाले ट्यूमर को खत्म करने के लिए भी इस दवा का इस्तेमाल किया जा सकता है.

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हालांकि, परमाणु हमले ज्यादा क्षमता वाला होने पर यह दवा पूरी तरह कारगर नहीं है क्योंकि तब इंसान के शरीर में जाने वाले आयोडीन की मात्रा काफी ज्यादा होती है. साल 1986 में यूक्रेन के चर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट में विस्फोट के समय इसका इस्तेमाल किया गया था. तब इस दवा का इस्तेमाल करके सैकड़ों लोगों की जान बचाई गई थी. इसके अलावा, साल 2011 में जापाना में जब भूकंप और सुनामी की वजह से फुकुशिमा परमाणु प्लांट को नुकसान पहुंचा तब जापान ने भी ये दवाएं खूब खरीदी थीं.

कई देश खरीद रहे हैं आयोडीन की दवा
यूक्रेन से सटे देश पोलैंड में भी आयोडीन की दवाएं बांटी गई हैं. पोलैंड के सभी राज्यों में सेंटर बनाए गए हैं. देश की कुल 34 लाख आबादी के लिए पोलैंड सरकार ने 55 लाख गोलियां भेजी हैं. इसके अलावा ब्रिटेन और यूरोपियन यूनियन भी आयोडीन की गोलियां जमकर खरीद रहे हैं. यूक्रेन में 55 लाख गोलियां भेजी गई हैं. हाल ही में व्लादिमीर पुतिन के बयानों ने इसकी बिक्री बढ़ गई है.

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परमाणु हमले से बचाएगी आयोडीन की गोली? दुनिया में जमकर हो रही खरीदारी
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जमकर खरीदी जा रही हैं आयोडीन की गोलियां

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परमाणु हमले से बचाएगी आयोडीन की गोली? दुनिया में जमकर हो रही खरीदारी