डीएनए हिंदी: रूस और यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) के बीच पश्चिमी देशों ने रूस पर तमाम तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं. इस युद्ध का असर अब रोजमर्रा के जीवन पर दिखाई देने लगा है. अब रूस के डिप्टी पीएम अलेक्जेंडर नोवाक ने चेतावनी दी है कि पश्चिमी देशों द्वारा रूसी पेट्रोलियम उत्पादों के आयात पर प्रतिबंध के वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए विनाशकारी परिणाम होंगे. इससे कच्चे तेल की कीमत 300 डॉलर प्रति बैरल से अधिक हो जाएगी.
रूस की न्यूज एजेंसी तास के अनुसार, नोवाक ने कहा कि यह बिल्कुल स्पष्ट है कि रूसी तेल को छोड़ने से विश्व बाजार के लिए विनाशकारी परिणाम होंगे. कीमतों में उछाल अप्रत्याशित होगा. यह कम से कम $300 प्रति बैरल से अधिक हो सकती है.
पढ़ें- Russia-Ukraine War: यह हैं यूक्रेन में युद्ध के मैदान में लड़ रहे सबसे बूढ़े ‘जवान’, उम्र 72 साल
आपको बता दें कि कच्चे तेल की कीमत 14 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. लंदन में ब्रेंट कच्चे तेल की कीमत सोमवार को बढ़कर 140 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गई, जो जुलाई 2008 के बाद का उच्चतम स्तर है.
पढ़ें- 5,532 प्रतिबंधों के साथ Russia बना दुनिया का सबसे ज्यादा बैन वाला देश
रूस के डिप्टी पीएम नोवाक ने कहा कि रूसी तेल पर प्रतिबंध से यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका में ईंधन, बिजली और हीटिंग की कीमतों में वृद्धि होगी. उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि यूरोपीय बाजार में रूसी तेल की मात्रा को जल्दी से रिप्लेस करना असंभव है. इसमें एक वर्ष से अधिक समय लगेगाऔर यह यूरोपीय उपभोक्ताओं के लिए बहुत अधिक महंगा होगा.
उन्होंने कहा कि ऐसे परिदृश्य में उनका बड़ा नुकसान होगा. यूरोप के नेताओं को ईमानदारी से अपने नागरिकों, उपभोक्ताओं को जानकारी देनी चाहिए कि आने वाले दिनों में उन्हें गैस स्टेशनों, बिजली के लिए, हीटिंग के लिए बहुत ज्यादा कीमतें चुकानी होंगी.
(हमसे जुड़ने के लिए हमारे फेसबुक पेज पर आएं और डीएनए हिंदी को ट्विटर पर फॉलो करें)
- Log in to post comments