• रविंद्र सिंह रॉबिन

चाहे वजह जो भी हो लेकिन अगर किसी देश में संवैधानिक संकट खड़ा होता है तो वह चिंता की बड़ी वजह होती है. पाकिस्तान भी निश्चित रूप से कोई अपवाद नहीं है. इमरान खान की सलाह पर पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी द्वारा पाकिस्तानी संसद को भंग करने से सिर्फ विपक्ष ही नहीं बल्कि पूरे देश अचंभित है.

अब पाकिस्तान के विपक्षी दलों ने इमरान खान के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. इमरान विरोधी पाकिस्तानी के सभी सियासी दल चाहते हैं कि उनके खिलाफ अनुच्छेद 6 के तहत 'गंभीर राजद्रोह' का मुकदमा चलाया जाए.

हालांकि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के अपनी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव में 'विदेशी हाथ' के शामिल होने के दावों ने पाकिस्तान की संवैधानिक संरचना और संप्रभुता में कमजोरियों को उजागर किया है. जिस वजह से अब सभी की नजरें इस संकट के प्रभावी और पूरी तरह से संवैधानिक समाधान के लिए पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट पर लगी हुई हैं.

पाकिस्तान में इस संवैधानिक संकट की शुरुआत से अबतक कई जजों ने पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल से मुलाकात की है. इस मसले पर कई सीनीयर वकीलों ने सुनवाई में किसी भी तरह के पक्षपात से बचने के लिए एक बड़ी पीठ के गठन की मांग की है.

हालांकि यह तो आने वाला समय ही बताएगा कि पाकिस्तान इस आपदा से कितनी कुशलता से निपटता है और इससे बाहर निकलता है.

एक अनुभवी क्रिकेटर रहे इमरान खान ने अपने करियर में बतौर कप्तान 48 टेस्ट मैच खेले, जिनमें से पाकिस्तान को 14 में जीत मिली जबकि आठ में हार. 26 मुकाबले बिना की नतीजे के समाप्त हुए. बात अगर एक दिवसीय क्रिकेट की करें तो इमरान की कप्तान में पाकिस्तान ने कुल 139 एकदिवसीय मैचों खेले, जिनमें से पाकिस्तान को 77 में जीत मिली, 57 में हार और एक मुकाबला टाई रहा. अपने क्रिकेट करियर के दौरान इमरान खान पर क्रिकेट की गेंद से छेड़छाड़ करने का भी आरोप लगा था.

पाकिस्तान में हुए ताजा घटनाक्रम ने एक नेता के रूप में उनकी ईमानदारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं. हालांकि उन्हें अपने इस फैसले के लिए अपने हिस्से की निंदा और तारीफ दोनों ही मिल रही हैं. पाकिस्तान के कई अनुभवी राजनेताओं और पूर्व क्रिकेटरों ने उन्हें इस कदम के लिए बधाई दी है जबकि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इमरान और 'साजिश' में शामिल अन्य लोगों के खिलाफ 'गंभीर राजद्रोह' के आरोप में मुकदमा चलाने की मांग की है.

हालांकि यह माना जा रहा है कि इमरान ने चतुराई से फैसला लिया. अब उन्हें ईमानदारी से जनता से संपर्क करने और चुनाव में सफल होने से पर अच्छी स्थिति में खड़े होने में मदद मिलेगी. 

'आखिरी बॉल तक खेलने' के अपने दावे के बावजूद इमरान खान द्वारा लिए गए इस कदम को लेकर उनकी जमकर निंदा भी हो रही है. उनपर पाकिस्तान के कानून के उल्लंघन में देश के राजनीतिक खेल के नियमों को झुकाने का आरोप लगाया जा रहा है. बड़ी संख्या में पाकिस्तानियों को भी लगता है कि अगर वह एक सच्चे खिलाड़ी की तरह अंत तक खेले होते तो भी जीत सकते थे.

Ravinder

(लेखक रविंद्र सिंह रॉबिन वरिष्ठ पत्रकार हैं. यह जी मीडिया से जुड़े हैं. राजनीतिक विषयों पर यह विचार रखते हैं.)  

(यहां प्रकाशित विचार लेखक के नितांत निजी विचार हैं. यह आवश्यक नहीं कि डीएनए हिन्दी इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे और आपत्ति के लिए केवल लेखक ज़िम्मेदार है.)

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Pakistan Political crisis Imran khan bouquets and brickbats
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कैसे इस संकट से निकलेगा पाकिस्तान? समर्थक कर रहे इमरान की तारीफ तो विपक्षी कर रह
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