डीएनए हिंदी: पाकिस्तान में सेना के इशारे पर राजनीतिक तख्तापलट की बात कही जा रही है. आज नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले संसद को भंग कर दिया गया था. सेना ने इस पूरे घटनाक्रम से अपना पल्ला झाड़ लिया है. इससे पहले इमरान खान ने राष्ट्र के नाम पर दिए संबोधन में भी कहा था कि सेना के तटस्थ रहने के फैसले का वह सम्मान करते हैं.
सेना ने राजनीतिक घटनाक्रम से झाड़ा पल्ला
पाकिस्तानी सेना के जनसंपर्क विभाग के प्रमुख मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने नेशनल असेंबली में एक सवाल के जवाब में कहा है कि आज जो कुछ हुआ है उसका संगठन से कोई लेना-देना नहीं है. सेना का कहना है कि असेंबली भंग होने में सेना की कोई भूमिका नहीं है. बता दें कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने प्रधानमंत्री इमरान खान के प्रस्ताव पर नेशनल असेंबली भंग करने की मंजूरी दे दी है.
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कभी आर्मी के फेवरेट थे इमरान
पाकिस्तान की राजनीति के जानकारों का मानना है कि सेना की मदद और पसंद होने की वजह से ही इमरान खान देश की सियासत में इतनी ऊंचाई छू पाए हैं. इमरान खान की सरकार बनाने के पीछे भी सेना का दखल माना जाता है. हालांकि, महत्वपूर्ण फैसलों और नियुक्तियों में सेना प्रमुख की राय नहीं लेने जैसे मुद्दों को लेकर दरार आनी शुरू हो गई थी.
पीएम ने देश के नाम संबोधन में की थी सेना की तारीफ
शनिवार को देश के नाम संबोधन में इमरान खान ने सेना की जमकर तारीफ की थी. उन्होंने कहा था कि मौजूदा वक्त में पाकिस्तान को सेना और पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी ही इकट्ठा रखे हुए है. उन्होंने यह भी कहा था कि पाकिस्तान को एक मजबूत सेना की ज़रूरत है. पाकिस्तानी पीएम ने कहा था. 'जो फौज को बुरा भला कहते हैं वो फौज का नहीं पाकिस्तान का बुरा कर रहे हैं. हमें ऐसी कोई चीज नहीं करनी चाहिए जो सेना को नुकसान पहुंचाए.'
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Pakistan Army ने नेशनल असेंबली भंग करने पर दी प्रतिक्रिया, जानें क्या कहा