डीएनए हिंदी: पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने नेशनल असेंबली को पांच साल का कार्यकाल पूरा होने से तीन दिन पहले 9 अगस्त को भंग करने की सिफारिश करने का फैसला किया है. इसके बाद एक कार्यवाहक सरकार बनेगी और 90 दिन के भीतर चुनाव कराने होंगे. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने गुरुवार रात एक विदाई भोज में यह घोषणा की. अब कार्यवाहक प्रधानमंत्री के चयन और अंतरिम व्यवस्था पर गठबंधन सहयोगियों के बीच तेजी से चर्चा शुरू हो गई है.
असेंबली को भंग करने की सिफारिश से चुनाव कराने के लिए एक महीने का अतिरिक्त समय मिल जाएगा. सदन का कार्यकाल पूरा होने की स्थिति में 60 दिन के भीतर चुनाव कराने होते हैं जबकि सदन भंग होने पर इसके लिए 90 दिन का समय मिलता है.
क्यों सरकार ने उठाया ये कदम?
शाहबाज शरीफ ने शुक्रवार को गठबंधन के दलों के नेताओं के साथ पहले दौर की चर्चा की, जिसमें सभी सदस्यों से अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में अपने-अपने नेताओं को नामित करने का आह्वान किया. शरीफ ने कहा, 'यह संक्रमणकालीन अवधि के दौरान पारदर्शिता, निष्पक्षता और निष्पक्षता सुनिश्चित करेगा.'
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IMF और सुरक्षा स्थिति के प्रति आर्थिक प्रतिबद्धताओं की दी गई परिस्थितियों तथा चुनौतियों के तहत एक कार्यवाहक प्रधानमंत्री मिलना, जो सरकार की नीतियों को आगे बढ़ाएगा और वर्तमान राजनीतिक दावेदारों की राजनीतिक आकांक्षाओं के अनुसार लोकतांत्रिक परिवर्तन को देखेगा, अंतरिम व्यवस्था के चल रहे चयन को महत्वपूर्ण बनाता है.
किस दिन भंग होगी शहबाज शरीफ?
प्रक्रिया के मुताबिक प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ 9 अगस्त को नेशनल असेंबली को भंग करने के लिए राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को एक सलाह भेजेंगे. राष्ट्रपति के सलाह पर हस्ताक्षर करते ही सदन भंग हो जाएगा. यदि राष्ट्रपति सलाह पर हस्ताक्षर नहीं करते हैं, तो पीएम कार्यालय से सलाह मिलने के 48 घंटे बाद विधानसभा स्वतः ही भंग हो जाएगी. दोनों ही स्थितियों में कार्यकाल पूरा होने से पहले नेशनल असेंबली भंग हो जाएगी.
सरकारी सूत्रों ने पुष्टि की है कि गठबंधन के राजनीतिक सहयोगियों और विपक्ष के बीच कम से कम तीन दौर का परामर्श होगा. तीन राउंड पूरे होने के बाद शहबाज शरीफ राष्ट्रपति को कार्यवाहक प्रधानमंत्री का नाम सौंपेंगे. यदि सरकार अंतरिम प्रधानमंत्री के लिए किसी नाम पर आम सहमति बनाने में विफल रहती है तो पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) प्रस्तावित नामों में से एक उम्मीदवार को नामांकित करेगा.
इमरान खान के खिलाफ शहबाज ने चला नया दांव?
इमरान खान का कोई राजनीतिक वारिस नहीं है. अब वह 5 साल चुनाव नहीं लड़ पाएंगे क्योंकि तोशखाना केस में उन्हें 3 साल की कैद हुई है. पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को भ्रष्टाचार के एक मामले में तीन साल जेल की सजा सुनाए जाने के बाद शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया. इस मामले में उन पर सत्ता में रहने के दौरान महंगे सरकारी उपहार बेचकर मुनाफा कमाने का आरोप है. इस्लामाबाद स्थित जिला एवं सत्र अदालत के अतिरिक्त न्यायाधीश हुमायूं दिलावर ने खान पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. अदालत ने कहा कि जुर्माना नहीं देने पर उन्हें और छह महीने तक जेल में रखा जाएगा. (इनपुट: IANS)
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'संसद भंग, इमरान खान को जेल,' क्या सोच रहे हैं शाहबाज शरीफ?