डीएनए हिंदी: पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने नागरिकता के संबंध में नई नीति का ऐलान किया है. विदेशियों को निवेश के बदले स्थायी निवासी का दर्जा देने के प्रस्ताव की स्वीकृति दे दी है. देश की पहली राष्ट्रीय सुरक्षा नीति के तहत यह प्रस्ताव बनाया गया है.
पढ़ें: Army Chief नरवणे के बयान से खिसियाए पाकिस्तान ने कहा, 'हम बहुत चिंतित हैं'
तुर्की के रास्ते चल रहा पाकिस्तान
बता दें कि तुर्की में इस तरह के कानून हैं. तुर्की के ही नक्शे-कदम पर चलते हुए पाकिस्तान ने स्थायी निवास योजना सुविधा शुरू करने का फैसला लिया है.
74 लाख तक करना होगा निवेश
इस योजना के तहत, आवेदकों को 1,00,000 डॉलर (करीब 74 लाख रुपए) से लेकर 300,000 डॉलर (करीब 2 करोड़ रुपए) का निवेश रियल एस्टेट में करना होगा. पाकिस्तान सरकार का कहना है कि रियल एस्टेट में निवेश की दिशा में यह क्रांतिकारी कदम साबित होगा.
पढ़ें: Imran Khan ने पेश की पहली सुरक्षा नीति, चीन-रूस से दोस्ती पर जोर और भारत-कश्मीर पर दोहरापन
अमीर अफगान और सिखों को लुभाने की कोशिश
पाकिस्तान के मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह योजना अमीर अफगानों को आकर्षित करने के लिए है. अफगानिस्तान में तालिबान के शासन में आने के बाद से बड़े पैमाने पर लोगों ने मलयेशिया, तुर्की जैसे देशों में शरण ली है. इसके अलावा, अमेरिका और कनाडा जैसे देशों में रहने वाले अमीर सिखों को भी आकर्षित करने की योजना है. अमीर सिखों को खास तौर पर करतारपुर कॉरिडोर और धर्म स्थलों में निवेश के लिए बढ़ावा देना है.
- Log in to post comments