डीएनए हिंदी: नेपाल में एक बार फिर राजनीतिक संकट मंडराने लगा है. नेपाल (Nepal) की राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (RSP) ने रविवार को पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड की सरकार से समर्थन वापस लेने का ऐलान किया है. गठबंधन में फूट पड़ने के बाद आरएसपी के मंत्रियों ने प्रचंड नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने की पेशकश कर दी है. जिससे नेपाल में एक बार फिर राजनतिक उठापटक शुरू हो गई है.
रबि लामिछाने के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी 19 सांसदों के साथ गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी है. RSP प्रमुख ने रविवार को अपनी सभी सांसदों के साथ बैठक की थी. बैठक के बाद ये बड़ा फैसला लिया गया. जानकारी के मुताबिक, आरएसपी और पीएम पुष्प कमल दहल के बीच गृह मंत्रालय को लेकर तकरार चल रही थी. रबि लामिछाने RSP को फिर से गृह मंत्रालय सौंपे जाने की मांग कर रहे थे, क्योंकि गठबंधन के समय यही तह हुआ था. लेकिन पीएम प्रचंड ने यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि वह तब तक इंतजार करना चाहते हैं, जब तक कि रबी लामिछाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट का अंतिम फैसला नहीं आ जाता है.
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सुप्रीम कोर्ट ने पद से हटाने का दिया था आदेश
बता दें कि पिछले महीना 27 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने देश के डिप्टी पीएम और गृह मंत्री रबि लामिछाने (Rabi Lamichhane) को पद से हटाने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने लामिछाने की नागरिकता को खारिज कर दिया और उन्हें नागरिकता व पासपोर्ट मामले में दोषी घोषित किया. नेपाली सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के इस फैसले के बाद रबि लामिछाने (Rabi Lamichhane News) की संसद सदस्यता भी खारिज हो गई. 'विदेशी' घोषित हो जाने के कारण उन्हें राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के चेयरमैन पद भी छोड़ना पड़ा.
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सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अमेरिकी नागरिकता छोड़ने के बाद रबि ने नेपाली नागरिक के तौर पर जो भी फैसले लिए, वे सभी अवैध हैं. कोर्ट ने माना कि रबि लामिछाने ने अपनी नेपाली नागरिकता वापस लिए बिना ही उस (अमेरिकी) नागरिकता का इस्तेमाल किया, जिसे रद्द कर दिया गया था. रबि ने जून 2018 में अपनी अमेरिकी नागरिकता छोड़ दी थी.
क्या कहता है बहुमत का गणित?
जानकारों का माने तो राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी गठबंधन से हटने के बाद भी प्रचंड सरकार बची रहेगी. क्योंकि संसद में उसे बहुमत के लिए 138 सांसदों का समर्थन चाहिए. पीएम प्रचंड के पास अपनी माओवादी केंद्र पार्टी के 32 सासंद, केपी शर्मा ओली की सीपीएन-यूएमएल के 78, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के 14, जनता समाजवादी पार्टी के 12, जनमत पार्टी के 6 और नागरिक उन्मुक्ति पार्टी के 4 सांसद हैं. इस लिहाज से सरकार के पास कुल 146 सांसदों का समर्थन बचा है. अब तक RSP के 20 सांसदों को मिलाकर उसके पास 166 सांसदों का समर्थन था.
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Political Crisis: नेपाल में फिर गहराया राजनीतिक संकट, RSP ने प्रचंड सरकार से समर्थन लिया वापस