डीएनए हिंदी: इजरायल ने देश में काम कर रहे गाजा पट्टी के हजारों फलस्तीनी कामगारों को वापस संघर्षरत क्षेत्र में भेज दिया है. फिलिस्तीन ने कहा है कि कुछ मजदूर 7 अक्टूबर को दक्षिणी इजरायल पर हमास द्वारा किए गए हमले के बाद से सील की गई सीमा को पैदल पार करते हुए नजर आए. उन्हें इजरायल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद से हिरासत केंद्रों में रखा गया था.
फिलिस्तीन के अधिकारियों ने कहा है कि डिटेंशन सेंटर में इजरायली अधिकारियों ने उनके साथ बुरा बर्ताव किया है. इजरायली सेना ने ऐसे किसी भी हाल से इनकार किया है. इजरायल में कैद मजदूर वाइल अल-सजदा ने कहा, 'हमने उनके लिए काम किया, दर्द सहा, त्याग किया और उन्होंने वहां हमारे साथ पशुओं जैसा व्यवहार किया.'
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मजदूरों के साथ जानवरों जैसा हुआ बर्ताव
अल-सजदा गाजा के उन 18,000 फलस्तीनियों में शामिल हैं जिन्हें इजरायल में मामूली काम से संबंधित नौकरियों पर रखा गया था. इजरायल में काम करने के परमिट की गाजा में काफी अहमियत थी जहां बेरोजगारी दर 50 फीसदी के करीब पहुंच रही है. मजदूरों ने कहा है कि इजरायल में उनके साथ बदसलूकी हुई है और जानवरों जैसा व्यवहार किया गया है.
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शरीर पर जख्म लेकर गाजा लौटे मजदूर
इजरायल ने हाल के वर्षों में परमिट देना शुरू किया था. इजरायल ने बृहस्पतिवार देर रात घोषणा की कि वह कामगारों को दिया जाने वाला परमिट रद्द कर रहा है और इन कामगारों को वापस गाजा पट्टी भेजा जाएगा. शुक्रवार को घर लौटे कामगारों ने इजरायली जेलों में रखे जाने की बात कही. कुछ लोगों के शरीर पर खरोंचें और अन्य चोटें थी जिसे उन्होंने इजरायली प्राधिकारियों के दुर्व्यवहार का नतीजा बताया. (इनपुट: AP)
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डिटेंशन सेंटर में कैद थे फिलिस्तीनी मजदूर, जख्मी हाल में हुई घरवापसी