डीएनए हिंदी: Iran Hijab Death Updates- ईरान में 16 साल की लड़की अर्मिता गेरावंद की हिजाब नहीं पहनने के कारण हुई पिटाई के चलते मौत हो गई है. अर्मिता को तेहरान में मेट्रो ट्रेन के अंदर 1 अक्टूबर को से मारपीट की गई थी. इसके बाद वे कोमा में चली गई थीं. शनिवार को ईरान की सरकारी न्यूज एजेंसी IRNA ने बताया कि अर्मिता की मौत हो गई है. अर्मिता की मौत ने लोगों को एक बार फिर महसा अमीनी केस (Mahsa Amini Case) की याद दिला दी है, जिसकी हिजाब नहीं पहनने पर ईरान की मोरल पुलिस के बुरी तरह पीटने से मौत हो गई थी. अर्मिता की मौत के बाद अब एक बार फिर ईरान के हेडस्कार्फ या हिजाब अनिवार्य तौर पर पहनने के कानून की खिलाफ लोगों में गुस्से की लहर शुरू हो गई है.
इरना ने मौत का बताया ये कारण
इरना ने अपनी रिपोर्ट में अर्मिता की मौत का कारण बताया है. शनिवार को मौत की सूचना देते हुए इरना ने कहा, दुर्भाग्य से मृतका के मस्तिष्क को चोट पहुंची थी, जिसके चलते वह कोमा में चली गई और कुछ मिनट पहले उसकी मौत हो गई है. अर्मिता के डॉक्टरों के मुताबिक, अचानक ब्लड प्रेशर कम होने से वह बेहोश होकर गिर गई, जिसके चलते उसके दिमाग में चोट लगी थी. इसके बाद लगातार मस्तिष्क में ऐंठन होने, ऑक्सीजन की मात्रा घटने और सूजन आने के कारण उसकी मौत हुई है.
चोट लगने का कारण अब तक स्पष्ट नहीं
अर्मिता गेरावंद को दक्षिणी तेहरान के मैदान-ए-शोहदा या शहीद स्क्वॉयर मेट्रो स्टेशन पर चोट लगी थी. उसके सिर में जिस गंभीर चोट के कारण उनकी मृत्यु हुई है, उस चोट के लगने का कारण अब तक स्पष्ट नहीं है. इरना ने भी अर्मिता की मौत की खबर में यह बात स्पष्ट नहीं की है. हालांकि ईरानी सरकारी टीवी से अर्मिता के एक दोस्त ने कहा कि उसका सिर स्टेशन के प्लेटफार्म पर टकराने के कारण उसे चोट लगी थी. हालांकि ब्रॉडकास्टर द्वारा चलाई गई एक बेआवाज फुटेज में अर्मिता का रास्ता एक व्यक्ति द्वारा रोकने की बात सामने आई थी. इसके कुछ सेकंड बाद उसे घायल हालत में वहां से ले जाया गया था. अर्मिता के मां-बाप ने भी सरकारी टीवी पर यही कहा था कि ब्लड प्रेशर की समस्या के कारण शायद उनकी बेटी को नीचे गिरने से चोट लगी थी.
लोग कह रहे हैं ये बात
लोगों का आरोप है कि अर्मिता गेरावंद को हिजाब नहीं पहनने के कारण मेट्रो ट्रेन से धक्का दिया गया था. उन्होंने इस बात की स्वतंत्र जांच कराने की मांग की है. उन्होंने पीड़ितों के परिवारों पर सरकारी दबाव के इस्तेमाल और सरकारी टीवी द्वारा जबरन बयानों को प्रसारित करने के इतिहास का हवाला देते हुए ईरान पर संयुक्त राष्ट्र फैक्ट फाइंडिंग मिशन के जरिये स्वतंत्र जांच का दबाव बनाने की मांग की है.
मोरल पुलिस के दोबारा सड़कों पर उतरते ही हुई घटना
अर्मिता की मौत ईरान की मोरेलिटी पुलिस (नैतिकता पुलिस) को दोबारा सड़कों पर उतारे जाने के कुछ ही सप्ताह बाद हुई है. ईरान की मोरल पुलिस हिजाब या अन्य धार्मिक कानूनों का सख्ती से पालन कराने के लिए तैनात है. मोरल पुलिस की सड़कों पर वापसी के साथ ही ईरान ने सिर नहीं ढंकने पर ज्यादा कड़ा जुर्माना वसूलने और सजा देने की भी तैयारी की है. मोरल पुलिस ही महसा अमीनी की मौत का भी कारण बनी थी, जिसे हिजाब नहीं पहनने के कारण सितंबर, 2022 में हिरासत में लेकर बुरी तरह पीटा गया था.
इस मारपीट के कारण महसा की 16 सितंबर, 2022 को मौत हो गई थी, जिसके बाद पूरे देश में दंगे छिड़ गए थे. ईरान में लगभग 6 महीने तक हिजाब के खिलाफ महिलाएं सड़कों पर उतरी थीं, जिनका साथ बहुत सारे पुरुषों ने भी दिया था. इन महिलाओं ने हिजाब नहीं पहनकर ईरान के उस कानून की धज्जियां उड़ाई थी. इसके बाद ईरान ने मोरल पुलिस को हटा दिया था, लेकिन हाल ही में उसे दोबारा तैनात किया गया है.
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हिजाब नहीं पहनने पर ईरान में मेट्रो ट्रेन के अंदर धुनी 16 साल की लड़की, चोट के कारण हुई मौत, भड़के लोग