डीएनए हिंदी: भारत और इजराइल (India-Israel Relation) के कूटनीतिक संबंध पिछले कुछ वर्षों में नए आयाम तय कर चुके हैं. इस बीच इन संबंधों के तीस साल भी पूरे हो गए हैं. ऐसे में इन संबंधों की 30वीं वर्षगांठ के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने दोनों देशों के संबंधों को लेकर महत्वपूर्ण बातें कहीं हैं जिनका सीधा असर वैश्विक स्तर पर भी पड़ता है.
PM Modi ने किया संबोधित
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन में दोनों देशों के बीच सकारात्मक रिश्तों का उल्लेख किया है. उन्होंने कहा, “हमारे लोगों के बीच सदियों से घनिष्ठ नाता रहा है. जैसा कि भारत का मूल स्वभाव रहा है सैकड़ों वर्षो से हमारा यहूदी समुदाय भारतीय समाज में बिना किसी भेदभाव के एक सौहार्दपूर्ण वातावरण में रहा है और पनपा है तथा उसने हमारी विकास यात्रा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.”
वहीं वर्तमान वैश्विक स्थिति में दोनों देशों के संबंधों को लेकर उन्होंने कहा, “आज जब दुनिया में महत्वपूर्ण परिवर्तन हो रहे हैं तो भारत इजरायल संबंधों का महत्व और बढ़ गया है. आपसी सहयोग के लिए नए लक्ष्य रखने का इससे अच्छा अवसर और क्या हो सकता है कि जब भारत अपनी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ इस वर्ष मना रहा है और इजरायल अगले साल अपनी स्वतंत्रता की 50वीं वर्षगांठ मनाने वाला है.”
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महत्वपूर्ण है 29 जनवरी
दरअसल, भारत और इजरायल के बीच 29 जनवरी 1991 को कूटनीतिक संबंध स्थापित हुए थे जिसके चलते यह दिन दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. वहीं इस मौके पर पीएम मोदी ने बधाई देते हुए कहा, “आज ही के दिन दोनों देशों के बीच एक नए अध्याय की शुरुआत हुई थी. भले ही अध्याय नया था लेकिन हमारे दोनों देशों का इतिहास बहुत पुराना है.”
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गौरतलब है कि इजरायल और भारत के रिश्ते लंबे वक्त से दिन प्रतिदिन मजबूत होते रहे हैं वहीं भारत और इजरायल के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल के दौरान अधिक गर्मजोशी देखी गई है. इं रिश्तों की मजबूती का अंदाज़ा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि भारत के किसी प्रधानमंत्री ने पहली बार इजरायल दौरा किया था जो कि पीएम मोदी ही हैं.
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