India China Border Row Updates: भारतीय फौज में एक कहावत मशहूर है कि आप सांप का भरोसा कर सकते हैं, लेकिन चीन का विश्वास नहीं किया जा सकता. यह कहावत चीन की नई हरकत से बिल्कुल सही साबित होती दिख रही है, जिसने भारतीय इलाकों पर गंदी नजर गाड़कर बैठे इस पड़ोसी देश का दोगलापन फिर से जाहिर कर दिया है. साल 2024 के अंत में सीमा विवाद खत्म होने का राग अलापते हुए वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अपनी और भारत की सेना को पीछे कराने वाले चीन ने इसके फौरन बाद एक गंदी हरकत कर दी है. चीन ने दिसंबर अंत में अपने शिनजियांग उइगर स्वायत्तशासी इलाके के दो नए जिले (काउंटी) घोषित किए हैं, जिनका सीमांकन देखकर भारत भड़क गया है. चीन ने इन जिलों में जो इलाका दिखाया है, वो लद्दाख का हिस्सा है. भारत ने इसे लेकर चीन से कड़ा प्रतिरोध जताते हुए कहा है कि यह मंजूर नहीं किया जाएगा. चीन को तत्काल यह घोषणा वापस लेनी चाहिए.
27 दिसंबर को घोषित किए हैं चीन ने नए जिले
चीनी सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, शिनजियांग उइगर स्वायत्तशासी क्षेत्र में दो नए जिले He'an County और Hekang County बनाए गए हैं. इन जिलों के गठन को कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना की सेंट्रल कमेटी और स्टेट काउंसिल ने भी मंजूरी दे दी है. इनका प्रशासन होटान प्रांत द्वारा किया जाएगा.
भारत ने कही है इन जिलों को लेकर ये बात
भारत ने इन दोनों जिलों के गठन को लेकर चीन से तगड़ा ऐतराज जताया है. विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि कूटनीतिक चैनलों के द्वारा जताए गए इस ऐतराज में चीन को बता दिया गया है कि ये इलाके केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख का हिस्सा हैं और भारत अपने इलाके मे किसी भी तरह के अवैध चीनी कब्जे को कभी मंजूरी नहीं देगा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा,'हमने वो घोषणा देखी है, जिसमें चीन के होटान प्रांत में दो नई काउंटी के गठन की जानकारी दी गई है. इन कथित काउंटियों का दायरा भारत के केंद्र शासित लद्दाख के तहत आता है. हम इस इलाके में भारतीय हिस्से में चीन के किसी भी अवैध दावे को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे.'
'इससे चीन के अवैध कब्जे को वैधता नहीं मिलेगी'
जायसवाल ने कहा,'नई काउंटियों के निर्माण से न तो इस इलाके पर भारतीय संप्रभुता के संबंध में हमारे दीर्घकालिक और सुसंगत स्थिति पर कोई असर पड़ेगा. साथ ही इससे चीन के अवैध और जबरन कब्जे को भी कोई वैधता नहीं मिलेगी. हमने कूटनीतिक चैनलों के माध्यम से चीनी पक्ष के समक्ष गंभीर विरोध दर्ज करा दिया है.'
ब्रह्मपुत्र नदी पर बन रहे बांध पर भी जता दी है आपत्ति
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जायसवाल ने चीन द्वारा ब्रह्मपुत्र नदी पर बनाए जा रहे बांध (Dam On Brahmaputra) को लेकर भी स्थिति स्पष्ट की है. उन्होंने कहा,'ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन द्वारा बनाए जा रहे हाइड्रोपॉवर प्रोजेक्ट को लेकर भारत ने अपनी चिंताएं वहां के अधिकारियों के सामने रख दी हैं.' बता दें कि शिन्हुआ ने 25 दिसंबर की रिपोर्ट में कहा था कि चीन यारलुंग सांगपो (ब्रह्मपुत्र) नदी पर तिब्बत स्वायत्तशासी इलाके में एक हाइड्रोपॉवर प्रोजेक्ट बना रहा है. इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने कहा था कि नदी के पानी के उपयोग के अधिकार वाले निचले तटवर्ती राज्य के तौर पर हमने चीनी पक्ष के सामने उनकी बड़ी नदी परियोजानओं को लेकर अपनी चिंताओं के बारे में कूटनीतिक चैनलों से आगाह कर दिया है.
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चीन का दोगलापन, लद्दाख के हिस्से को घोषित किया नई काउंटी, भारत बोला- मंजूर नहीं ये दगाबाजी