डीएनए हिंदी: भारत द्वारा यूक्रेन के सुमी शहर से निकालने गए 17 विदेशी नागरिकों में एक पाकिस्तानी नागरिक भी शामिल हैं. रूस के लगातार हमलों के कारण ये लोग करीब एक पखवाड़े से सुमी में फंसे हुए थे.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तानी छात्रा आस्मा शफीक के अलावा एक नेपाली नागरिक, दो ट्यूनीशियाई नागरिक और 13 बांग्लादेशी नागरिकों को यूक्रेन से निकाला गया है. इसके साथ ही युद्धग्रस्त देश से करीब 700 भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाया गया है.
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भारतीय दूतावास ने ‘इंटरनेशनल कमिटी ऑफ रेड क्रॉस’ की मदद से मंगलवार को सुमी से इन सभी लोगों को निकाला. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ फोन पर अलग-अलग बातचीत की थी जिसके बाद दोनों देश मानवीय गलियारा बनाने पर राजी हो गए थे.
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इन छात्रों के अलावा भारत ने सूमी में काम कर रहे करीब 20 भारतीयों और उनके परिवार के सदस्यों को भी निकाला है. ये लोग पोल्तावा से एक विशेष ट्रेन में सवार हुए और इनके बृहस्पतिवार को पोलैंड से भारत के विमान में सवार होने की संभावना है.
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एक छात्र संयोजक अंशाद अली ने बताया कि यह ट्रेन छात्रों को पश्चिमी यूक्रेन में लवीव लेकर जाएगी जहां से उन्हें बसों में पोलैंड ले जाया जाएगा. पोल्तावा और लवीव के बीच दूरी करीब 888 किलोमीटर है. यूक्रेन में परिवहन के विभिन्न माध्यमों का इस्तेमाल कर सैकड़ों मील की दूर तय करके छात्रों को युद्धग्रस्त यूरोपीय देश से निकाला जा रहा है.
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