डीएनए हिंदी: जहां सत्ता में रहते हुए पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान अमेरिका की खुलकर मुखालफत करते थे, वहीं अब उनके सुर बदले नजर आ रहे हैं. इमरान खान ने रविवार को कहा कि वह एंटी अमेरिका नहीं हैं. इमरान खान ने इसके लिए पूर्व सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को जिम्मेदार ठहराया है. इमरान ने कहा कि बाजवा ने ही ये अफवाह उड़ाई थी कि वह एंटी अमेरिका हैं.
इमरान खान ने कहा कि प्रतिबंधित पाकिस्तानी तालिबान को देश के सेना की लापरवाही के कारण फलने-फूलने का मौका मिला. इमरान ने क्षेत्र में आतंकवाद का संयुक्त रूप से मुकाबला करने के लिए अफगानिस्तान के साथ मिलकर काम करने के महत्व को रेखांकित किया. पिछले साल अप्रैल में सत्ता से बेदखल की गई पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष इमरान खान ने शनिवार को वॉयस ऑफ अमेरिका वेबसाइट को दिए एक इंटरव्यू में ये टिप्पणियां कीं.
ये भी पढ़ें- महिलाओं में लगी होड़, कई औरतों ने किया प्रिंस हैरी की वर्जिनिटी खत्म करने का दावा
इमरान ने तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) आतंकवादी संगठन के साथ बातचीत को हरी झंडी देने के लिए अपनी सरकार के कदम का जोरदार बचाव किया. उन्होंने कहा कि सबसे पहले तालिबान के सत्ता में आने के बाद पाकिस्तानी सरकार के सामने क्या विकल्प थे और उन्होंने टीटीपी का फैसला किया और हम 30,000 से 40,000 लोगों के बारे में बात कर रहे हैं. आप जानते हैं कि उनमें परिवार भी शामिल थे, एक बार जब उन्होंने (टीटीपी) उन्हें वापस पाकिस्तान भेजने का फैसला किया? क्या हमें उन्हें लाइन में खड़ा करके गोली मार देनी चाहिए थी या हमें उनके साथ मिलकर उन्हें फिर से बसाने की कोशिश करनी चाहिए थी?
पाकिस्तानी सेना को ठहराया जिम्मेदार
उन्होंने कहा, “हमारी एक बैठक हुई थी और विचार यह था कि पुनर्वास, सीमा- फाटा (कबायली) क्षेत्र के सभी नेताओं की सहमति से सुरक्षा बलों और टीटीपी के साथ मिलकर किया जाना था. लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ, क्योंकि हमारी सरकार चली गई और एक बार जब हमारी सरकार हट गई, तो नई सरकार ने इस मुद्दे से नजरें हटा लीं. पूर्व पीएम ने इसका दोष पाकिस्तान के सुरक्षा बलों की लापरवाही पर मढ़ा, जिसने प्रतिबंधित संगठन को क्षेत्र में फलने-फूलने दिया.
ये भी पढ़ें- तुर्की और सीरिया में भूकंप के बाद दिखी 300 Km लंबी दरार, झटकों के बाद फट गई धरती
इमरान खान के क्यों बदले सुर?
गौलतलब है कि इमरान ने अप्रैल 2022 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद से हटाए जाने के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि शहबाज शरीफ के साथ मिलकर अमेरिका मुझे सत्ता से हटाने की साजिश कर रहा है. इमरान ने रैलियों में कागज लहरा-लहराकर कहा कि पाकिस्तानी राजनीति में विदेशी दखलअंदाजी का मेरे पास सबूत है. इमरान ने दावा किया था कि अमेरिका ने पाकिस्तानी राजदूत को बुलाकर धमकाया था. इसके अलावा भी कई बड़े आरोप लगाए थे.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
'मैं एंटी अमेरिका नहीं', पाकिस्तान के पूर्व PM इमरान खान के अचानक क्यों बदले सुर? बाजवा पर फोड़ा ठीकरा