डीएनए हिंदी: भारत और चीन (India-China Border Dispute) के बीच काफी लंबे समय से सीमा विवाद बना हुआ है. इसी वजह से दोनों देशों की सेना के जवान कभी-कभी आमने-सामने आ जाते हैं और गलवान घाटी जैसी घटना हो जाती है. भारत की लगभग 3,488 किलोमीटर सीमा चीन से लगती है. इसका एक बहुत बड़ा हिस्सा हमारे देश के Assam सहित North-East राज्यों से मिलता है. इतने लंबे बॉर्डर के रखरखाव के लिए भारत को बहुत बड़ी रकम खर्च करनी पड़ती है.
एक साल में 481% बढ़ INDO-CHINA BORDER पर हुआ खर्च
एक सवाल के जवाब में लोकसभा में जवाब देते हुए गृह मंत्रालय ने बताया कि साल 2019-20 के दौरान सरकार ने NORTH-EAST राज्यों के CHINESE बॉर्डर से लगते इलाकों की सुरक्षा के लिए 72.20 करोड़ रुपये खर्च किए थे. 2020-21 में इसे कम करते हुए 42.87 करोड़ रुपये किया गया लेकिन 2021-22 में सरकार ने CHINA से लगते बॉर्डर के खर्च में ज़बरदस्त बढ़ोतरी की. इस साल 249.12 करोड़ रुपये खर्च किए गए. 2019-20 के खर्च से तुलना करें तो करीब 245% ज्यादा खर्चा किया और 2020-21 से तुलना करें तो ये बढ़ोतरी करीब 5 गुना यानी 481% है.
म्यांमार और बांग्लादेश की सीमाओं पर होने वाला खर्च भी कम नहीं
गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक NORTH-EAST राज्यों के म्यांमार से लगते बॉर्डर पर भी सरकार ने खर्च बढ़ाया है. 2019-20 में सरकार ने 20 करोड़ रुपये खर्च किए जबकि 2021-22 में सरकार ने इस खर्च को बढ़ाकर 50 करोड़ रूपए कर दिया. यानि करीब 150% की बढ़ोतरी सरकार ने की. इसके साथ ही NORTH-EAST राज्यों के जो इलाके बांग्लादेश की सीमा से लगते हैं उनकी सुरक्षा के लिए भी सरकार भारी भरकम रकम खर्च करती है. 2019-20 में सरकार ने जहां 407.07 करोड़ रुपये खर्च किए थे वहीं साल 2021-22 के दौरान सरकार ने इस खर्च को कम करते हुए 303.18 करोड़ रुपये कर दिया यानी सरकार ने करीब 25% कम खर्च किया.
INTELLIGENCE NETWORK सहित कई तरह की सुविधाओं पर खर्च की गई रकम
कुल खर्च की बात की जाए तो साल 2019-20 में NORTH-EAST राज्यों के चीन, बांग्लादेश और म्यांमार से लगती सीमाओं की सुरक्षा के लिए सरकार ने करीब 500 करोड़ रुपये खर्च किए थे. 2020-21 में ये आंकड़ा घटकर 355.12 करोड़ रूपए कर दिया गया गया. अगले ही साल यानि 2021-22 के दौरान सरकार ने लगभग 70% बढ़ोतरी के साथ करीब 602.30 करोड़ रुपये खर्च किए. बॉर्डर की सुरक्षा के लिए सरकार ने नए BORDER OUTPOST (BOPs) बनाने पर, बॉर्डर पर निगरानी करने वाले उपकरण लगाने, बॉर्डर पर तारबंदी और तेज रोशनी की व्यवस्था करने के लिए की गई है. इसके अलावा INTELLIGENCE NETWORK को मजबूत करने के लिए भी सरकार ने जरुरी कदम उठाए हैं.
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India-China Border: नॉर्थ ईस्ट से लगती सीमाओं की सुरक्षा पर एक साल में क़रीब 5 गुना बढ़ा खर्च