डीएनए हिंदी: यूरोपीय संघ (EU) की संसद ने स्मार्टफोन, टैबलेट और कैमरों समेत तमाम तरह के गैजेट के चार्जिंग को लेकर बड़ा फैसला किया है. EU की संसद ने 2024 के अंत तक बेचे जाने वाले सभी गैजेट के साथ यूएसबी टाइप-सी चार्जिंग पोर्ट बेचने का आदेश दिया है. संसद में मंगलवार को इस कानून को बहुमत के साथ पास किया गया. इस फैसले से आईफोन निर्माता कंपनी Apple को बड़ा झटका लगेगा. यह
यूरोपीय संघ की संसद में इस कानून के पक्ष में 602 पड़े, जबिक 13 सदस्यों ने इसके खिलाफ में वोट डाले. इस फैसले का सबसे ज्यादा असर Apple को होने वाला है, क्योंकि iPhones के फोन में USB-C टाइप के चार्जर इस्तेमाल नहीं होते. एपल अपने iPhones, आईपैड और एयरपॉड और समेत कई डिवाइस में लाइटनिंग टाईप चार्जर का इस्तेमाल करता है.
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Apple बोला इससे बढ़ेगा प्रदूषण
इस फैसले के बाद एप्पल को अब आईफोन मॉडल और अन्य उपकरणों के लिए अपना चार्जिंग पोर्ट बदलने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. वहीं, इस मामले में एप्पल का कहना है कि यूनिवर्सल चार्जर के आने के बाद इनोवेशन खत्म हो जाएगा और प्रदूषण भी बढ़ेगा. हालांकि इसके पीछे Apple ने वजह नहीं बताई है.
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दुनियाभर में होगा इसका असर, ग्राहकों को फायदा
बताया जा रहा है कि यूरोपीय यूनियन के इस फैसले के बाद मोबाइल कंपनियों की मनमानी पर रोक लगेगी. इसका दुनियाभर के देशों पर पड़ेगा, क्योंकि उन्हें यूरोप के लिए एसबी टाइप-सी चार्जिंग के हिसाब से ही गैजेट बनाने होंगे. मोबाइल कंपनियों को भी सभी स्टैंडर्ड फोन के लिए सिंगल चार्जर नियम का पालन करना होगा. इससे ग्राहकों के सबसे ज्यादा फायदा ये होगा कि उन्हें अलग-अलग मोबाइल के लिए अलग-अलग चार्जर नहीं खरीदना होगा. भारत सरकार भी जल्द इसी तरह का फैसला ले सकती है.
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EU का बड़ा फैसला, अब सभी गैजेट के लिए बेचे जाएं सी-टाइप चार्जर, Apple को लगेगा झटका