डीएनए एक्सप्लेनर: दुबई के नाम एक बड़ी उपलब्धि दर्ज हुई है. दुनिया में पहली बार दुबई सरकार का सारा कामकाज पेपरलेस होगा. दुबई के सभी 45 सरकारी दफ्तरों का कामकाज अब पूरी तरह से डिजिटल हो गया है. यह फैसला पेपर की बचत, धन और मानव श्रम के घंटों की बचत के लिहाज से अहम है.
हर साल 2700 करोड़ रुपये की बचत
पेपरलेस गवर्नेंस के चलते 33.6 करोड़ पेपरशीट की सालाना बचत भी होगी. साथ ही, दुबई सरकार इस पहल के बाद से हर साल लगभग 2700 करोड़ रुपए बचा पाएगी. इसके अलावा, इस फैसले के बाद लगभग 14 लाख मानव श्रम घंटों की भी बचत होने जा रही है.
2018 में हुई थी शुरुआत
दुबई में सरकारी कामकाज को पेपरलेस बनाने की शुरुआत 2018 में ही शुरू हो गई थी. क्राउन प्रिंस शेख हमदान बिन मोहम्मद बिन राशिद अल मख्तूम ने शनिवार को पेपरलेस गवर्नमेंट का औपचारिक ऐलान भी कर दिया. मख्तूम ने कहा, 'दुबई की विकास यात्रा के सभी पहलुओं में यह बड़ा दिन है. लोगों के जीवन को डिजिटल बनाने के लिए एक नए युग की शुरुआत है. यह पूरी तरह से एक अलग और नया जीवन होगा.'
दूसरे देश भी पेपरलेस होने की दिशा में बढ़ रहे आगे
दुबई के क्राउन प्रिंस शेख हमदान ने कहा कि सरकार अगले 5 दशकों में दुबई में डिजिटल जीवन को ज्यादा सुविधाजनक और आधुनिक बनाने के लिए काम कर रही है. अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा जैसे देश हैं जो कि डिजिटाइजेशन की दिशा में बढ़ रहे हैं. साइबर हमले की आशंका से उनके पूरी तरह से डिजिटाइजेशन होना मुश्किल है.
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