डीएनए हिंदी: कहा जाता है कि इंसानों के पूर्वज बंदर थे. इसी तर्ज पर अब चीन (China) इन दोनों के कॉम्बिनेशन से 'महामानव' बना रहा है. बता दें कि 1980 के दशक में एक रिपोर्ट सामने आई थी जिसके अनुसार, चीन में 1967 में 'ह्यूमन-चिंपैंजी' की क्रॉस-ब्रीडिंग की गई है ताकि महामानव तैयार किया जा सके. वहीं अब चीनी सरकार इस प्रोजेक्ट को फिर से शुरू कर रही है.
चीन के लैब में इंसान और बंदर का हाइब्रिड (Human-Monkey Hybrids) तैयार हो रहा है जो सुपर सोल्जर बनेंगे. कहा जा रहा है कि इन्हें न तो कभी भूख-प्यास लगेगी और न कभी नींद आएगी. साथ ही इन्हें स्पेस से लेकर समुद्र की लड़ाई में भी उतारा जा सकता है.
इससे पहले रूस में सोवियत वैज्ञानिकों को 1920 के दशक में तानाशाह स्टालिन ने एक हाइब्रिड एप-मैन (बंदर-मानव) 'सुपर सैनिक' बनाने का आदेश दिया था जो चरम परिस्थितियों में भी काम करने में सक्षम हो. यानी ऐसी परिस्थिति जहां आम इंसानों के लिए जीवित रहना भी मुश्किल था.
1990 के दशक में सार्वजिनक किए गए उस समय के गुप्त दस्तावेज बताते हैं कि क्रेमलिन प्रमुख 'बेहद ताकतवर लेकिन अविकसित दिमाग वाली' मानव-बंदरों की एक सेना चाहते थे जो 'लचीली और भूख-प्रतिरोधी' हो. इस परियोजना का नेतृत्व इल्या इवानोविच इवानोव ने किया था लेकिन 1930 के दशक की शुरुआत में ही इवानोव की सोवियत कैंप में मौत हो गई थी.
'द सन' की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2019 में अमेरिका में एक हाइब्रिडाइजेशन प्रोजेक्ट के दौरान ह्यूमनजी का जन्म हुआ था. यूएस साल्क इंस्टीट्यूट फॉर बायोलॉजिकल स्टडीज के प्रोफेसर जुआन कार्लोस इजपिसुआ बेलमोंटे के नेतृत्व में वैज्ञानिकों ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए कथित तौर पर एक मानव और बंदर का हाइब्रिड तैयार किया था. ये 19 दिनों तक जीवित रहा. हालांकि कानूनी मुद्दों के चलते लैब कर्मियों ने ही उसे मार दिया था.
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