डीएनए हिंदी: बच्चों को लगने वाले खसरा, हेपेटाईटिस और टेटनस जैसे टीकों के बारे में तो आपने सुना ही होगा लेकिन क्या आप जानते हैं कि चीन में बच्चों को 'मुर्गे के खून का इंजेक्शन' लगाया जाता है? यहां पर लगभग हर पेरेंट अपने बच्चे को ये इंजेक्शन जरूर लगवाते हैं और इस पॉलिसी को 'चिकेन पेरेंटिंग' का नाम दिया गया है. वहीं, इस 'चिकेन ब्लड इंजेक्शन' के जो फायदे बताए जा रहे हैं उसे लेकर पूरी दुनिया में जबरदस्त चर्चा हो रही है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो चीन का दावा है कि इस इंजेक्शन के जरिए बच्चों को 'सुपरकिड' बनाया जा सकता है. 'सुपरकिड' का मतलब बच्चों की सेहत से जुड़ा है.
'चिकेन पेरेंटिंग' के फायदे
चीन के बेहद अलग खान-पान के अलावा यहां बच्चों को लगाया जाने वाला 'चिकन ब्लड इंजेक्शन' भी खूब चर्चाओ में आ गया है. इन दिनों बच्चों के शरीर में चिकन का खून डालना चीन में पेरेंटिंग का अहम हिस्सा माना जा रहा है. सिंगापुर पोस्ट की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि इस इंजेक्शन से बच्चों के शरीर को बीमारियों से लड़ने की जबरदस्त क्षमता मिलती है और कई गंभीर बीमारियां दूर ही रहती हैं. इसके अलावा भविष्य में कैंसर, इनफर्टिलिटी और गंजेपन जैसी समस्याएं नहीं आती हैं. सिर्फ यही नहीं दावा है कि इससे बच्चों को पढ़ाई और खेल-कूद के लिए एकाग्रता और शारीरिक शक्ति बढ़ाने जैसे कई फायदे भी मिलते हैं.
चिकन के खून में स्टेरॉयड
इस रिपोर्ट के मुताबिक चिकन के खून में स्टेरॉयड होता है, जो बच्चों को कम उम्र से ही हर क्षेत्र में बेहतरीन परफॉर्मेंस देने में मददगार साबित होता है. कई और मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि इससे बच्चों का शरीर और दिमाग चुस्त और फुर्तीला बनता है. चीन में इस इंजेक्शन को लगवाने की जबरदस्त होड़ लगी रहती है. वहीं, सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर खूब चर्चाएं हैं. लोग #ChineseChickenParenting और #Chicken_blood_injections जैसे हैशटैग्स के जरिए अपनी राय जाहिर करते दिख रहे हैं. हालांकि, अभी तक किसी भी रिपोर्ट में 'चिकन ब्लड इंजेशन' के साइडइफेक्ट्स को लेकर बात नहीं की गई है.
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