डीएनए हिंदी: ब्रिटेन (Britain) ने खुद को पूरी तरह से दीमक (Termite) से मुक्त घोषित किया है. करीब 23 साल तक दीमक से जंग लड़ने के बाद आखिरकार ब्रिटेन ने ये जंग जीत ही ली. वहीं 2003 से इस प्रोजेक्ट से जुड़े रहे डॉ एड. सुट्टी ने कहा, 'दीमक को भगाने का हमारा अभियान सफल रहा. दुनिया में कहीं भी किसी ने भी अब तक ऐसा नहीं किया है'.
क्या है पूरा मामला
'डेली मेल' की रिपोर्ट के अनुसार, साल 1994 में ब्रिटेन की एक महिला ऑरिया थॉर्नीक्रॉफ्ट (Aurea Thornycroft) ने एक दिन अचानक डेवोन में सौंटन सैंड्स के ऊपर पहाड़ियों पर अपने समुद्र किनारे बने बंगले की दीवारों पर दीमक को देखा था. हालांकि उस वक्त वहां कोई दीमक के बारे में नहीं जानता था. यही कारण रहा कि ऑरिया को समझ ही नहीं आया कि उनके घर की दीवारों को अपना घर बना चुके ये अजीब से कीड़े क्या हैं.
इसके बाद महिला ने स्थानीय कीट नियंत्रक (Pest Controller) को बुलाया. उसने दीवार पर लगा वॉलपेपर हटाया तो सबकी आंखें फटी रह गईं. ऑरिया के अुसार, उन्होंने इससे पहले कभी ऐसा कुछ नहीं देखा था. घर की पूरी दीवार पर सफेद चींटी जैसे कीड़े रेंग रहे थे जिनमें से प्रत्येक की लंबाई लगभग आधा सेंटीमीटर थी.
ऑरिया ने बताया कि उसके घर की लकड़ी के फ्रेम वाली दीवारों पर पाइप भी लगे थे जिनकी मदद से घर को गर्म रखा जाता था. वहीं नमी और गर्मी के इस मिश्रण से दीमक को अपना परिवार फैलाने के लिए एकदम सही क्लाइमेट मिल रहा था. ब्रिटेन पर दीमक के हमले की ये पहली घटना है. इसके बाद रिसर्च शुरू की गई क्योंकि उस वक्त इस बात अंदाजा किसी को नहीं था कि ये किड़े कहां से आए हैं.
बता दें कि एक बार जहां ये अपना घर बना लें उस जगह से दीमक को हटाना बेहद मुश्किल हो जाता है. इतना ही नहीं, पेस्ट कंट्रोल के बाद भी वो अपने ऐसे अवशेष छोड़ जाती है जो उसकी आबादी को फिर से बढ़ाने के लिए काफी है. ये सब देखते हुए न केवल नॉर्थ डेवोन बल्कि पूरे देश को इस कीट से बचाने के लिए ब्रिटेन की सरकार ने 1998 में UK Termite Eradication Programme शुरू किया. इसका एकमात्र उद्देश्य अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करके इन विदेशी आक्रमणकारियों को ब्रिटेन से बाहर करना था. करीब 23 साल चले इस अभियान का पिछले हफ्ते अंत हुआ. दर्जनों वैज्ञानिक की टीम और भारी-भरकम खर्चे के बाद ब्रिटेन ने इस जंग में खुद को विजेता घोषित किया है.
इधर 2003 से इस प्रोजेक्ट से जुड़े रहे डॉ. एड. सुट्टी ने बताया कि दीमक को खत्म करने के लिए उन्हें कई सुझाव मिले. किसी ने कहा कि पूरे घर को आग के हवाले कर दो. एक प्लान ये भी था कि दीमक से भरी हजारों टन मिट्टी को उठाकर समुद्र में फेंक दिया जाए लेकिन ये अव्यवहारिक था. इसकी बजाय डॉ. ने एक नई योजना तैयार की और दीमक को अपने जाल में फंसाने के लिए फंगस की मदद ली. उन्होंने कुछ छड़ों को ऐसे फंगस से कवर किया जिनके प्रति दीमक आसानी से आकर्षित हो सकते हैं. इसके बाद इन छड़ों को प्रभावित इलाके में डाल दिया गया. परिणाम स्वरूप दीमक फंगस से आकर्षित होकर वहां आए और कैमिकल के प्रभाव से मर गए. इस तरह सालों तक चली लड़ाई का अंत हुआ.
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