Bangladesh Hindu Attacks: बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ चल रही हिंसा के बीच दो बड़े फैसले सामने आए हैं. एक में भारत की तरफ से हिंदुओं पर हमले का मुद्दा बांग्लादेश के सामने ज्यादा पुख्ता तरीके से रखने की उम्मीद जगी है तो दूसरी बात ने भारत की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर दिया है. दरअसल हिंदुओं के खिलाफ चल रहे हमलों के बीच भारत के विदेश सचिव बांग्लादेश के दौरे पर पहुंच रहे हैं. यह दौरा 9 दिसंबर को होगा. उधर, बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद काबिज हुई मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने अब खुलकर अपने पाकिस्तान समर्थक होने का सबूत दे दिया है. यूनूस सरकार ने भारतीय विदेश सचिव के दौरे से पहले पाकिस्तान को 'नो सिक्योरिटी क्लियरेंस' का सुपर गिफ्ट दिया है. इससे किसी भी पाकिस्तानी को बिना रोकटोक के बांग्लादेशी वीजा मिलने की राह खुल गई है. अब तक वीजा के लिए आवेदन करने पर पाकिस्तानी नागरिक को पहले सिक्योरिटी चेक क्लियरेंस का इंतजार करना होता था, जिसकी अब जरूरत नहीं रहेगी. इससे बांग्लादेश में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI आसानी से अपने जासूस प्लांट कर पाएगी, जो भारत के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है.
क्या हिंदुओं से हिंसा पर बात करेंगे विदेश सचिव?
भारत के विदेश सचिव 9 दिसंबर को बांग्लादेश के दौरे पर पहुंचेंगे. विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी. विदेश सचिव फॉरेन ऑफिस कन्सलटेशन के लिए बांग्लादेश दौरे पर पहुंच रहे हैं. जब मंत्रालय से पूछा गया कि इस दौरान हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा पर बात होगी या नहीं? मंत्रालय ने कहा,'यह मुद्दा हम पहले ही उठा चुके हैं. बांग्लादेश में चल रही कानूनी प्रक्रियाओं को निष्पक्ष व पारदर्शी तरीके से पूरा किए जाने की हम अपनी अपेक्षा फिर दोहराना चाहते हैं. इससे संबंधित व्यक्तियों के कानूनी अधिकारों का पूरा सम्मान सुनिश्चित हो पाएगा.'
पाकिस्तानी नागरिक अब बांग्लादेश आएंगे बेरोकटोक
बांग्लादेश में अब तक पाकिस्तानी नागरिकों को वीजा लेने के लिए पहले सिक्योरिटी क्लियरेंस लेना पड़ता था, क्योंकि पाकिस्तान को बांग्लादेश अपनी सुरक्षा के लिए खतरा मानता है. इस नियम के पीछे 60-70 के दशक में पाकिस्तान का हिस्सा रहने के दौरान बांग्लादेशी धरती पर किए गए नरसंहार और अत्याचार भी कारण थे, जिनके चलते बांग्लादेशी नागरिक भी पाकिस्तान को बहुत पसंद नहीं करते हैं. बांग्लादेश के निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले शेख मुजीबुर रहमान की हत्या के पीछे भी पाकिस्तान का ही हाथ था. इसके चलते पिछले 15 साल के दौरन सत्ता में मुजीबुर रहमान की बेटी शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी रहने के दौरान पाकिस्तानी नागरिकों के खिलाफ वीजा नियमों को और ज्यादा सख्ती से लागू किया गया था. शेख हसीना ही साल 2019 में पाकिस्तानी नगारिकों के लिए सिक्योरिटी क्लियरेंस का नियम लेकर आई थीं, लेकिन यूनुस सरकार ने इस फैसले को पलट दिया है. अब पाकिस्तानी नागरिकों को बांग्लादेश का वीजा लेने के लिए कोई सिक्योरिटी क्लियरेंस नहीं कराना होगा. इससे पाकिस्तानी नागरिकों के अब बांग्लादेश में बेरोकटोक घूमने का रास्ता साफ हो गया है.
भारत के लिए क्यों खतरा है ये फैसला
बांग्लादेश में पाकिस्तानियों की खुली आवाजाही को भारत के लिए खतरे का सबब माना जा रहा है. दरअसल बांग्लादेश के साथ भारत के 5 राज्यों की सीमा जुड़ी हुई है. इस 4 हजार किलोमीटर लंबी सीमा पर भौगोलिक परिस्थितियों के चलते कई जगह सुरक्षा में सख्ती रख पाना बेहद मुश्किल होता है. इन जगहों से ही बांग्लादेश के रास्ते भारत में बड़े पैमाने पर स्मगलिंग होती है. अभी तक ये रास्ते भारत से बांग्लादेश में अवैध तरीके से गोवंश व अन्य पशुओं और चोरी की कारों की स्मगलिंग के लिए यूज होते थे, जबकि उधर से भारत में सोना और ड्रग्स आती थी. सुरक्षा एक्सपर्ट्स का मानना है कि अब पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, मेघालय, असम और मिजोरम में बांग्लादेश के रास्ते पाकिस्तान आसानी से आतंकियों को एंट्री कर पाएगा. इसमें ये रास्ते ही काम आएंगे. इससे पहले भी 2001 से 2006 के दौरान खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) और जमात-ए-इस्लामी की गठबंधन सरकार में भारत यह देख चुका है. मौजूदा अंतरिम सरकार में भी यही दोनों पार्टियां प्रभावी भूमिका में हैं और इस बार उन्हें कट्टरपंथियों का भी पूरा समर्थन मिल गया है, जो भारत के खिलाफ बड़े पैमाने पर नफरत का कुचक्र रच रहे हैं.
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बांग्लादेश जाएंगे भारत के विदेश सचिव, यूनुस सरकार ने पहले ही दिया पाक को 'सुपर गिफ्ट'