डीएनए हिंदी. व्लादिमीर पुतिन द्वारा यूक्रेन पर हमला किए जाने के बाद से ही पश्चिमी देश लगातार रूस पर अलग-अलग तरह के प्रतिबंध लगा रहे हैं. अब अमेरिका ने रूस के खिलाफ एक और बड़ा फैसला लिया है. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूस से किए जाने वाले सभी तरह के तेल आयात को बैन करने का फैसला किया है. उन्होंने मंगलवार को यह ऐलान किया.
White House की तरफ से बताया गया कि बाइडेन ने कहा, "आज हम रूस की अर्थव्यवस्था के बड़े स्त्रोत को निशाना बनाने जा रहे हैं. हम रूस के तेल, गैस और ऊर्जा से संबंधित हर तरह के आयात को प्रतिबंधित कर रहे हैं"
आपको बता दें कि रूसी हमले के मद्देनजर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने अमेरिका और पश्चिमी देशों से कई बार रूसी आयात में कटौती का अनुरोध किया था, जिसके बाद अमेरिका ने यह कदम उठाया है. रूस के वित्तीय क्षेत्रों पर कई कड़े प्रतिबंध लगाने के बावजूद ऊर्जा निर्यात के जरिए रूस के पास नकदी का प्रवाह जारी है.
चीन के राष्ट्रपति ने रूस पर पाबंदियों की आलोचना की
चीन ने कहा है कि राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों और जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स के साथ वार्ता में यूक्रेन के खिलाफ हमले के लिए रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों की आलोचना करते हुए इसे सभी पक्षों के लिए "नुकसानदेह" बताया.
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चीन ने रूस का समर्थन करते हुए अमेरिका और उसके सहयोगी देशों को संघर्ष को भड़काने के लिए दोषी ठहराया है. चीन संयुक्त राष्ट्र में इस विषय पर मतदान से भी दूर रहा कि क्या मास्को की उसके कृत्यों के लिए निंदा की जानी चाहिए.
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मंगलवार के संवाद के बारे में चीनी के टीवी चैनल ‘सीसीटीवी’ के मुताबिक, शी ने संघर्ष पर गहरा दुख जताया और सभी पक्षों से शांति वार्ता में हिस्सा लेने का आग्रह करते हुए कहा कि चीन इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाने को इच्छुक है.
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शी के हवाले से कहा गया, "हम संकट के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए मिलकर प्रयास करना चाहते हैं. वैश्विक वित्त, ऊर्जा संसाधनों, परिवहन और आपूर्ति श्रृंखला स्थिरता पर प्रतिबंधों के प्रभाव के संबंध में, पहले से ही महामारी के बोझ से दबी वैश्विक अर्थव्यवस्था के संदर्भ में, यह सभी पक्षों के लिए हानिकारक है."
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