डीएनए हिंदी: आज से 21 पहले यानी 11 सितंबर 2001 (9/11 attack) में दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका पर आतंकी हमला हुआ था. न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर को आतंकियों ने अपना निशाना बनाया था. आतंकी संगठन अल-कायदा के 19 सदस्यों ने अमेरिका के चार विमानों का अपहरण कर वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर आत्मघाती हमला किया था. इस हमले में 2,977 लोगों की मौत हो गई थी. इस अटैक ने पूरी दुनिया को दहला कर रख दिया था. अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने 9/11 को अमेरिकी इतिहास का काला दिन कहा था. आज अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और फर्स्ट लेडी जिल बाइडेन 9/11 हमले के पीड़ितों को सम्मानित करने और उन्हें याद करने के लिए देशभर में यात्रा करेंगे.
क्या हुआ था उस दिन...
- घटना 11 सितंबर 2001 दिन मंगलवार की थी. अल-कायदा के आतंकियों ने 11 सितंबर की सुबह 7.59 और 8.42 बजे के बीच अमेरिका के चार कॉमर्शियल विमानों को हाईजैक कर लिया था. इनमें दो बॉस्टन, एक वाशिंगटन डीसी और एक नेवार्क से कैलिफोर्निया के लिए उड़ान भरे थे. उनका मकसद अमेरिका के अलग-अलग ऐतिहासिक स्थलों पर विमानों का क्रैश कराने का था. अतंकियों ने पहला अटैक सुबह 8:45 बजे अमेरिकन एयरलाइंस बोइंग 767 से वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के उत्तरी टावर से टकराकर किया. इस विमान में 20,000 गैलन जेट ईंधन भरा था. 110 मंजिला इस इमारत के 80वें फ्लोर से विमान को टकराया गया था. जिसमें आग लगने से हजारों लोगों की मौत हो गई.
- वहीं, इसके 18 मिनट बाद यानी यूनाइटेड एयरलाइंस फ़्लाइट 175 वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के दक्षिणी टॉवर से टकराया गया. इसमें इमारत की 60वें फ्लोर पर अटैक किया गया. वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर दो विमान के टकराने के बाद आतंकियों ने सुबह 9.37 बजे के करीब तीसरी फ्लाइट अमेरिकी एयरलाइंस फ्लाइट 77 से वॉशिंगटन स्थित अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन को निशाना बनाया. इसके बाद चौथी हाईजैक फ्लाइट 93 से टारगेट व्हाइट हाउस या यूएस कैपिटल बिल्डिंग को उड़ाने का था लेकिन यात्रियों से लड़ाई के कारण आतंकियों के हाथ से विमान का नियंत्रण छूट गया और विमान पेन्सिलवेनिया के शैंक्सविल के मैदानी इलाके में जा गिरा.
- 10.28 बजे के करीब वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का नार्थ टावर भरभराकर गिर गया. इसके गिरने के बाद आसमान धुएं और धूल के गुब्बारे से भर गया. इसकी वजह से दस हजार से ज्यादा लोगों को सांस लेने में तकलीफ का सामना करना पड़ा. इनमें से कई लंबे समय से सांस की बीमारी झेल रहे हैं, जबकि कई लोग कैंसर के मरीज हो गए. 11.02 बजे के करीब धूल और धुएं को देखते हुए न्यूयॉर्क के मेयर ने लोवर मैनहट्टन को खाली कराने का आदेश दिया था.
- वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए इस हमले से नार्थ टावर भरभराकर गिर गया. इसके गिरने के बाद आसमान धुएं और धूल के गुब्बारे छा गए. जिसकी वजह से लोगों को सांस लेने में तकलीफ का सामना करना पड़ा. इनमें से कई लंबे समय से सांस की बीमारी झेल रहे हैं, जबकि कई लोग कैंसर के मरीज हो गए. 11.02 बजे के करीब धूल और धुएं को देखते हुए न्यूयॉर्क के मेयर ने लोवर मैनहट्टन को खाली कराने का आदेश दिया था.
- 9.45 बजे के करीब सुरक्षाकर्मियों ने अमेरिकी राष्ट्रपति के निवास व्हाइट हाउस (White House) और अमेरिकी संसद यूएस कैपिटॉल को खाली करवा लिया. बाद में अलकायदा आतंकियों ने दावा किया था कि उनका निशाना वाशिंगटन डीसी में अमेरिकी संसद यूएस कैपिटॉल था.
- हालांकि, हमले के दौरान करीब 9.45 बजे सुरक्षाकर्मियों ने अमेरिकी राष्ट्रपति को बाहर निकालते हुए व्हाइट हाउस (White House) और अमेरिकी संसद यूएस कैपिटॉल को खाली करवा लिया था. बाद में आतंक संगठन अल-कायदा ने दावा किया था कि उनका निशाना वाशिंगटन डीसी में अमेरिकी संसद यूएस कैपिटॉल था.
- इस आतंकी हमले ने पूरी दुनिया को दहला दिया था. इन चार हमलों में 2,977 लोगों की मौत हुई थी. जबक कई हजार लोग घायल हुए थे. इस अटैक को अलकायदा के 19 आतंकियों ने अंजाम दिया था. मारे गए लोगों में चार विमानों में सवार 246, वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और उसके आसपास के इलाके में 2,606 और पेंटागन में मौजूद 125 लोग शामिल थे.
- अमेरिकी जांच एजेंसी CIA को इस हमले की पहले ही आशंका हो गई थी. उन्होंने इसके लिए तत्कालीन राष्ट्रपति को सूचित किया था कि बिन लादेन अमेरिकी विमानों और अन्य हमलों को हाईजैक करने की तैयारी कर रहा था. 4 दिसंबर 1998 को सीआईए ने अपने दैनिक ब्रीफ में राष्ट्रपति को सूचित किया कि उनका इरादा युसेफ और अन्य कैदियों की रिहाई को सुरक्षित करने के लिए विमान को हाईजैक करने का है.
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9/11 Attack: वो काला दिन जब सहम गई थी पूरी दुनिया, जानें कैसे दहल उठा था अमेरिका